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West Bengal Politics: ममता बनर्जी को लगा एक और झटका, टीएमसी नेता पवन के वर्मा पार्टी से हटे

वर्मा इससे पहले जेडी(यू) के राष्‍ट्रीय महासचिव और राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता रह चुके हैं। उनका कहना है कि यह विपक्ष को मजबूत बनाने की दिशा में काम करने का सही समय है। वह पिछले साल टीएमसी से जुड़े़ थे। वह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं।

By Arijita SenEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 04:36 PM (IST)
West Bengal Politics: ममता बनर्जी को लगा एक और झटका, टीएमसी नेता पवन के वर्मा पार्टी से हटे
बिहार की राजनीति में बदलाव के बाद उनका इस्‍तीफा आया

नई दिल्‍ली, एजेंसी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता पवन के वर्मा (Pawan K Varma) ने पार्टी अध्‍यक्ष ममता बनर्जी को शुक्रवार अपना इस्‍तीफा सौंप दिया। बिहार (Bihar) की राजनीतिक पृष्‍ठभूमि में हाल ही में हुए बदलाव के बाद उनका यह इस्‍तीफा आया जिसमें मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी JD(U) ने बीजेपी (BJP) का साथ छोड़कर आरजेडी-कांग्रेस और लेफ्ट के महागठबंधन का दामन थाम लिया।

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वर्मा ने ट्वीट कर कहा, ''कृपया मेरा इस्‍तीफा स्‍वीकार करें। मैं आपके स्‍नेह और शिष्‍टाचार के लिए धन्‍यवाद देना चाहता हूं। मैं आपके साथ संपर्क में रहने के लिए तत्‍पर हूं। आप सभी को शुभकामनाएं।''

वर्मा इससे पहले जेडी(यू) के राष्‍ट्रीय महासचिव और राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता रह चुके हैं। उनका कहना है कि यह विपक्ष को मजबूत बनाने की दिशा में काम करने का सही समय है। मालूम हो कि नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके वर्मा को पिछले साल तृणमूल कांग्रेस ने अपना राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष बनाने का ऐलान किया था। उस दौरान टीएमसी ने बयान जारी कर कहा था कि इससे पार्टी को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर विस्‍तार में मदद मिलेगी।

वर्मा को साल 2020 में उस दौरान जद(यू) से निकाल दिया था कि जब उन्‍होंने पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी की थी। दरअसल हुआ कुछ यह था कि वर्मा दौरान लगातार केंद्र के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे थे, जबकि जदयू इसके पक्ष में थी।

पवन वर्मा ने तब अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि पार्टी एनआरसी का विरोध कर रही है लेकिन सीएए के साथ खड़ी है जबकि दोनों जुड़े हुए हैं क्‍योंकि बिना सीएए के एनआरसी (NRC) संभव नहीं है। जाहिर है कि इस मुद्दे पर पवन वर्मा का रूख सीएम नीतीश को पसंद नहीं आया। उन्‍होंने कहा था कि अगर वह किसी और पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो इसके लिए वह स्‍वतंत्र हैं। पार्टी से निष्‍कासित होने वालों में वर्मा के साथ प्रशांत किशोर भी शामिल रहे।


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