TikTok Video: मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाला 20 वर्षीय छात्र गिरफ्तार
आंध्र प्रदेश में एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्र को TikTok वीडियो के द्वारा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और राज्य के लोगों को अपमानजनक और बदनाम करने को लेकर गिरफ्तार किया गया।
हैदराबाद,पीटीआइ। आंध्र प्रदेश में एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्र को बुधवार को 'टिक टॉक' ऐप (TikTok app) पर एक वीडियो पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि इस वीडियो में यह छात्र तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और राज्य के लोगों को 'अपमानजनक और बदनाम' करते हुए नजर आ रहा है। पुलिस ने बताया कि छात्र ने 14 अप्रैल को 'टिक टॉक' ऐप में लॉग इन किया और राव और तेलंगाना के लोगों के खिलाफ 'अत्यधिक अपमानजनक' टिप्पणी के साथ वीडियो अपलोड किया, जो बाद में वायरल हो गया।
20 अप्रैल को हुआ मामला दर्ज
तेलंगाना राष्ट्र समिति विदर्भ के नेता वी राम नरसिम्हा गौड़ की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 20 अप्रैल को आईपीसी की धारा 153A और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया, वहीं जांच के बाद 20 वर्षीय कॉलेज छात्र को गिरफ्तार किया गया।
शिकायतकर्ता ने कहा था कि इस तरह के वीडियो तेलंगाना के लोगों की व्यक्तिगत भावनाओं को आहत करेंगे। वहीं राचकोंदा के पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत ने कहा कि मुख्यमंत्री और तेलंगाना के लोगों के खिलाफ 'अत्यधिक अपमानजनक' टिप्पणियों के साथ एक वीडियो बनाकर दो तेलुगु भाषी राज्यों के लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का काम किया गया, जहां अब मामला दर्ज कर लिया गया है।
विवाद बना TikTok
बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट ने तीन अप्रैल को मोबाइल एप्लिकेशन टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। कोर्ट में दायर याचिका के जरिए इस ऐप के माध्यम से अश्लील और अनुचित सामग्री उपलब्ध होने पर चिंता व्यक्त की गई थी। कोर्ट ने मीडिया को भी निर्देश दिया था कि टिक-टॉक के वीडियो क्लिप प्रसारित न किए जाएं। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या वह अमेरिका में बच्चों के ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट की तर्ज पर कोई कानून बनाएगी। इसके बाद मामले को 16 अप्रैल तक आगे की सुनवाई के लिए बढ़ा दिया गया था। मद्रास हाई ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनावाई करते हुए दी थी।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह टिक-टॉक पर बैन हटाने के लिए दायर याचिका पर 24 अप्रैल तक अपना फैसला सुनाए। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर मद्रास हाई कोर्ट टिक-टॉक ऐप की याचिका पर फैसला करने में विफल रहती है, तो बैन पर दिया गया उसका आदेश निरस्त हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया था कि वह टिक-टॉक ऐप पर प्रतिबंध लगाए। मद्रास हाई कोर्ट ने इस ऐप के जरिए अश्लील सामग्री को लोगों तक पहुंचाने पर चिंता व्यक्त करते हुए बैन लगा दिया था।