पत्रकार दिखें तो मरवा दो.. वायरलेस सेट पर संदेश
नई दुनिया के हाथ 41 सेकंड का एक ऑडियो हाथ लगा है, जिसमें एक अधिकारी अपने मातहतों को आदेश दे रहा है कि पत्रकार दिखें तो मरवा दो।
बीजापुर, नई दुनिया। प्रतिनिधि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जान जोखिम में डालकर खबरें जुटाने वाले पत्रकारों के लिए वायरलेस सेट पर डेथ वारंट जारी हुआ है। नई दुनिया के हाथ 41 सेकंड का एक ऑडियो हाथ लगा है, जिसमें एक अधिकारी अपने मातहतों को आदेश दे रहा है कि पत्रकार दिखें तो मरवा दो।
चूंकि क्षेत्र में वायरलेस सेट का इस्तेमाल सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन व पुलिस करती है, लिहाजा पत्रकार मामले की जांच की मांग को लेकर गुरुवार को कमिश्नर कार्यालय के सामने 2 घंटे धरना देंगे। फिर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
बीजापुर से नई दुनिया टीम के साथ दक्षिण बस्तर के 5 पत्रकारों का दल तेलंगाना की सीमा से लगे पुजारी कांकेर स्थित पांडव पर्वत की स्टोरी करने गया था। 27 जुलाई को तेज बारिश के चलते दल 29 जुलाई को लौट आया था। पत्रकारों का दल जब रवाना हुआ, उसी दौरान वायरलेस सेट में एक संदेश प्रसारित होने की सूचना मिली थी।
प्रसारित संदेश का हिस्सा
वॉइस-1 अधिकारी - वो नक्सली तो नहीं हैं? इधर कोई घटना-वटना करने आया हो. देख लो कौन है? क्या है? तस्दीक कर लो, उसके बाद सब लिखा-पढ़ी बन जाती है.. देख लेना.. समझे। और उधर सब संभाले रहना.. सब छोटी-बड़ी फोर्स इधर-उधर पर है.. हाई अलर्ट रहना और उधर से कोई पत्रकार..जो है.. मतलब जो नक्सलियों को कवर करने जाएगा.. उसको सीधा मरवा देना.. समझ गए।
वॉइस-2 मातहत - रॉजर सर.. रॉजर सर.. वो कल एक.. ठीक है.. ओके।
जांच हो, दोषी को मिले सजा ऑडियो सही है तो मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। हालांकि अभी यह नहीं कह सकते कि ऑडियो में जो आवाज है, वह सीआरपीएफ की है या जिला पुलिस अथवा कोबरा बटालियन की। मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। दोषषी जो भी हो, सजा मिलनी चाहिए। मैं पत्रकारों को पूरा सहयोग करने को तैयार हूं।
आलोक अवस्थी, डीआईजी सीआरपीएफ
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