Corona Vaccination: खून पतला करने वाली दवा खाने वाले भी लगवा सकते हैं टीका
आइसीएमआर के डीजी डाक्टर बलराम भार्गव ने दोनों कंपनियों से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) से वैक्सीन की फैक्टशीट में खून पतला करने की दवाई लेने वालों को वैक्सीन नहीं लेने की हिदायत को हटाने के लिए अनुरोध किया है और जल्द ही इसे हटा लिया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । खून पतला करने (ब्लड थिनर) की दवाई लेने वाले भी कोवैक्सीन और कोविशील्ड ले सकते हैं। इससे कोई खतरा नहीं है। आइसीएमआर के डीजी डाक्टर बलराम भार्गव ने दोनों कंपनियों से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) से वैक्सीन की फैक्टशीट में खून पतला करने की दवाई लेने वालों को वैक्सीन नहीं लेने की हिदायत को हटाने के लिए अनुरोध किया है और जल्द ही इसे हटा लिया जाएगा।
डाक्टर बलराम भार्गव के अनुसार देश में खून को पतला करने के लिए दो तरह की दवा दी जाती है। एक दवा प्लेटलेट्स पर आधारित एस्पि्रन या क्लोपिडोगरेल है और दूसरी दवा हेपरीन है, जो खून बहने की आशंका वाले व्यक्तियों को दी जाती है। उनके अनुसार एस्पि्रन लेने वाले लोगों के लिए वैक्सीन लेने पर कोई दिक्कत नहीं है। वहीं हेपरीन लेने वालों के वैक्सीन लगने वाली जगह पर सूजन और दर्द हो सकता है। यदि वैक्सीन लेने के दो दिन पहले यह दवाएं बंद कर दी जाएं तो यह समस्या नहीं आती है।
डाक्टर भार्गव ने कहा कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ने डीसीजीआइ से फैक्टशीट से इस प्रावधान को हटाने का आग्रह किया है। उनके आग्रह पर जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा। कोवैक्सीन के ट्रायल के स्टेज में ही इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिलने के कारण इसे लगवाने वालों को यह फैक्टशीट दी जाती है। उनकी सहमति के बाद टीका लगाया जाता है।