Handwara Encounter: 5 सालों में मुठभेड़ में किसी कर्नल के शहीद होने की यह पहली घटना, पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
बीते पांच सालों में किसी मुठभेड़ में कर्नल के शहीद होने की यह पहली घटना है। इस मुठभेड़ में दो आतंकी भी मारे गए हैं और दो मकान भी पूरी तरह तबाह हो गए।
राज्य ब्यूरो श्रीनगर। हंदवाड़ा के छंजमुला में शनिवार को शुुरु हुई मुठभेड़ रविवार की सुबह समाप्त हो गई। इसमें उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे राजवार- हंदवाड़ा में शनिवार को एक कर्नल, एक मेजर , दो जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक सब इंस्पेक्टर समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद और एक जवान जख्मी हो गया। दो आतंकी भी मारे गए हैं और दो मकान भी पूरी तरह तबाह हो गए। फिलहाल, सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल के आस-पास के इलाके मे कुछ और आतंकियों के छिपे होने की आशंका को देखते हुए एहतियात के तौर पर तलाशी अभियान चला रखा है।
बीते पांच सालों में किसी मुठभेड़ में कर्नल के शहीद होने की यह पहली घटना है। वर्ष 2015 में दक्षिण कश्मीर के त्राल एक हिज्ब आतंकी आबिद खान को मार गिराने के अभियान में कर्नल एमएन राय शहीद हुए थे।
Tributes to our courageous soldiers and security personnel martyred in Handwara. Their valour and sacrifice will never be forgotten. They served the nation with utmost dedication and worked tirelessly to protect our citizens. Condolences to their families and friends. — Narendra Modi (@narendramodi) May 3, 2020
वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी ने हंदवाड़ा में शहीद हुए सुरक्षाबलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि हंदवाड़ा में मारे गए हमारे सैनिकों और सुरक्षा बलों को नमन। उनकी वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने हमारे नागरिकों की रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित होकर राष्ट्र की अनथक सेवा की। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवदेनाएं।
कर्नल आशुतोष शर्मा सहित ये जवान हुए शहीद
शहीदों में कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक दिनेश, नायक राजेश और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के सब इंस्पेक्टर एस काजी पठान शामिल हैं। वर्ष 2020 में कश्मीर में किसी आतंकरोधी अभियान में सुरक्षाबलों के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी हानि है।
मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तानी
मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तानी बताए जाते हैं। उनकी पहचान नहीं हो पाई है। कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभा रही सेना की 21 आरआर ने बीते दो दशकों के दौरान किसी आतंकरोधी अभियान या आतंकी हमले में दूसरी बार अपने कर्नल रैंक के अधिकारी को गंवायाहै। इससे पूर्व अगस्त 2000 में हंदवाड़ा में आतंकियों द्वारा किए गए ग्रेनेड धमाके में कर्नल राजेंद्र चौहान और ब्रिगेडियर बीएस शेरगिल शहीद हुए थे
राजवार के जंगलों में बीते कुछ दिन से सक्रिय थे लश्कर के आतंकी
यह मुठभेड़ हंदवाड़ा के छंजमुला गांव में शनिवार की शाम को करीब पौने चार बजे शुरू हुई थी। संबधित अधिकारियों ने बताया कि लश्कर के आतंकियों का एक दल बीते कुछ दिनों से राजवार के जंगलों में देखा जा रहा था। इनमें लश्कर का नामी डीविजनल कमांडर हैदर भी बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो हैदर एलओसी पार से आने वाले आतंकियों के एक नए दस्ते को रसीव करने के लिए ही अपने साथियों संग इस इलाके में आया था।अलबत्ता, सुरक्षा एजेंसियों ने इस तथ्य की पुष्टि नहीं की है।
आतंकियों के इस दल को पकड़ने के लिए शुक्रवार को सेना की 15 आरआर, 21 आरआर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों ने एक अभियान चलाया था। नागनी जंगल में गत देर शाम गए आतंकियों और जवानों के बीच मुठभेड़ भी हुई,लेकिन आतंकी घेराबंदी तोड़ भाग निकले। इस बीच,सेना की 9 पैरा के जवानों का एक दस्ता भी इस अभियान में शामिल किया गया ।
छंजमुला गांव में हुआ मुठभेड़
संबधित अधिकारियों ने बताया कि शनिवार की सुबह भी सुरक्षाबलों ने एक जगह आतंकियों को घेरा था,लेकिन संक्षिप्त मुठभेड़ के दौरान वह एक बार फिर घेराबंदी तोड़ भाग निकले थे। दोपहर तीन बजे के करीब सुरक्षाबलों को पता चला कि आतंकी भागते हुए छंजमुला गांव में पहुंच गए हैं। उन्होंने वहां एक मकान में शरण ले ली। सुरक्षाबलों ने उसी समय छंजमुला को घेरते हुए तलाशी अभियान चलाया।
आतंकी एक मकान के बाहरी हिस्से में बने गौखाने के पास थे। शनिवार की शाम पौने चार बजे मुठभेड़ शुरु हो गई और करीब साढ़े पांच बजे के करीब आतंकियों की तरफ गोलीबारी बंद हुई। इस दौरान एक आतंकी मारा गया और उसका शव बाहर पड़ा था। गौखाना और मकान का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। छंजमुला उस जगह से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है,जहां शुक्रवार की शाम को पहली मुठभेड़ हुई थी।
मुठभेड़ स्थल की तलाशी के दौरान जवान हुए शहीद
करीब एक घंटे तक आतंकियों की तरफ से जब कोई गोली नहीं चली तो उन्हें मरा समझ,जवानों ने मुठभेड़ स्थल की तलाशी शुरू कर दी। इसी दौरान एक कर्नल, एक मेजर, दो सैनिक, जम्मू कश्मीर पुलिस का एक सब इंस्पेक्टर काजी मकान के भीतर दाखिल हुए। मुठभेड़ के दौरान गौखाने से बच निकले आतंकियों में से कुछ इसी मकान में और कुछ दूसरे मकान में छिप गए थे। इन आतंकियों ने कमरे में कर्नल व अन्य सुरक्षाधिकारियों को देखते हुए उन्हें घेर लिया। इसके बाद कमरे के भीतर ओर बाहर से गोलियों की आवाज गूंजने लगी।
देर रात तक होती रही गोलीबारी
कर्नल, मेजर,सब इंस्पेक्टर का अपने अन्य साथियों से संपर्क कट गया। अंधेरा होने के साथ ही मौसम भी पूरी तरह बिगड़ गया। देर रात गए तक दोनों तरफ से भीषण गोलीबारी होती रही। आज सुबह जब मुठभेड़ समाप्त हुई तो वहां पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके थे। दो आतंकियों के शव भी मिले।
आतंकियों ने ग्रामीणों को बनाया था बंधक
इस बीच, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि आतंकियों ने खुद को बचाने के लिए ग्रामीणों को बंधक बना लिया था। ग्रामीणों को आतंकियों की चंगुल से सुरक्षित छुड़ाते हुए कर्नल, मेजर और पुलिस के सब इंस्पेक्टर समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। दो आतंकी भी मारे गए हैं। आतंकियों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारुद भी मिल है।