बेंगलुरु के इस गैंग ने बनाई लाखों नकली डिग्रियां, कमाए करोड़ों रुपये
इस मामले की जांच आगे बढ़ाने पर पता चला कि मामले के तार उत्तप्रदेश के गाज़ियाबाद तक फैले हैं। छापे में 1500 डिग्रियां और सर्टिफिकेट भी जब्त किए गए, जो डिलीवरी के लिए तैयार थे।
बेंगलुरु, जेएनएन। बेंगलुरु में पिछले चार साल से एक गैंग फल-फूल रहा था, जो नकली डिग्री, मार्क्स शीट और सर्टिफिकेट का गोरखधंधा करता था। बेंगलुरु की क्राइम ब्रांच ने इस गैंग का पर्दाफाश किया है, जिसके तार पूरे देश में फैले हुए हैं। ये गैंग फर्जी डिग्री एक लाख रुपये तक में बेचता था।
पुलिस ने बताया कि गैंग का नेटवर्क काफी दूर-दूर तक फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि इसके नेटवर्क में देश भर में 180 एजेंट एक्टिव हैं। पिछले चार सालों के दौरान इस गिरोह ने लगभग एक लाख साठ हजार फर्जी डिग्रियां बनाईं। इन डिग्रियों के लिए पन्द्रह हजार से एक लाख रुपये लिए जाते थे। ये डिग्रियां एमबीए एमटेक और इंजीनियरिंग से जुडे देश में जानी-मानी 29 यूनिवसिर्टी की हैं।
बेंगलुरु पुलिस ने बताया कि इस मामले में अभी तक पांच लोगों कुणाल कुमार, दीपांकर सेन, संदेश अग्रवाल, सोरभ शर्मा और अरुणा को गिरफ्तार किया गया है। कुणाल इस गैंग का मास्टरमाइंड है, जिसे पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। डीसीपी आनंद कुमार ने बताया कि बेंगलुरु में क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी, जिसके बाद अलग-अलग जगह छापे मारे गए। इस मामले की जांच आगे बढ़ाने पर पता चला कि मामले के तार उत्तप्रदेश के गाज़ियाबाद तक फैले हैं। छापे में 1500 डिग्रियां और सर्टिफिकेट भी जब्त किए गए, जो डिलीवरी के लिए तैयार थे।
उन्होंने बताया कि इस मामले में यह बात भी सामने आई कि इस नेटवर्क का किंगपिन दिल्ली के प्रीतमपुरा के एक जाने माने माल से अपना दफ्तर चला रहा था। पुलिस ने वहां छापा मारकर संदेश अग्रवाल नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया। इस आरोपी ने डबल ऐट कंसल्टेंसी के नाम से माल में अपना दफ्तर खोल रखा था। पुलिस को अंदेशा है कि इस गिरोह के नेटवर्क से जुड़े दूसरे एजेंट गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गए हैं।
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