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अक्टूबर-नवंबर तक तीसरी लहर के आसार, कोरोना महामारी से निपटने की हो रही मजबूत तैयारी

बड़ा सवाल यह है कि कहीं तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा खतरनाक तो नहीं होगी और उससे निपटने के लिए देश कितना तैयार होगा। वहीं एक बड़ी जनसंख्या को वैक्सीन लगाकर तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की संभावनाओं पर भी चर्चा शुरू हो गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 09:23 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 03:09 AM (IST)
अक्टूबर-नवंबर तक 15-20 फीसद आबादी को टीके का दोनों डोज, 63 फीसद को एक डोज!

नीलू रंजन, नई दिल्ली। मई के मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर के पीक तक पहुंचने की संभावना के बाद सरकार को अब इसकी तीसरी लहर की आशंका भी सताने लगी है। बड़ा सवाल यह है कि कहीं तीसरी लहर दूसरी से ज्यादा खतरनाक तो नहीं होगी और उससे निपटने के लिए देश कितना तैयार होगा। वहीं एक बड़ी जनसंख्या को वैक्सीन लगाकर तीसरी लहर के प्रभाव को रोकने की संभावनाओं पर भी चर्चा शुरू हो गई है।

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दुनिया के वैज्ञानिक ढूंढ रहे हैं तीसरी लहर को रोकने के उपाय: सीएसआइआर

सीएसआइआर के महानिदेशक डाॅक्टर शेखर मांडे कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को सही बताते हुए कहते हैं कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इसको लेकर चिंतित हैं और इसे रोकने के उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे डा.मांडे यह भी मानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर को स्पेनिश फ्लू की तीसरी लहर जैसी खतरनाक होने से बचा जा सकता है। कोरोना के खिलाफ वैक्सीन एक कारगर हथियार है और वह हमारे पास है।

डाॅ. मांडे ने कहा- सभी वैक्सीन मिलकर पूरी दुनिया की जरूरत को पूरा करने में होंगी सक्षम

वैक्सीन उत्पादन की मौजूदा सीमाओं और बड़ी जनसंख्या के बावजूद डाॅ. मांडे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की बड़ी जनसंख्या को जल्द-से-जल्द वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर आश्वस्त हैं। उनके अनुसार दुनिया में कई वैक्सीन आ चुकी हैं। उनका उत्पादन तेज करने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। इसके साथ कई और वैक्सीन भी अंतिम चरण में हैं। ये सभी वैक्सीन मिलकर पूरी दुनिया की जरूरत को पूरा करने में सक्षम होंगी।

अक्टूबर तक 15-20 फीसद आबादी को टीके का दोनों डोज, 63 फीसद को एक डोज

एसबीआइ की ताजा इकोरैप रिपोर्ट भी डाॅ. शेखर मांडे के दावे का समर्थन करती है। इस रिपोर्ट में दुनिया के विभिन्न देशों में टीकाकरण के अनुभवों के आधार पर दावा किया गया है कि किसी भी देश में 15-20 फीसद जनसंख्या को दोनों डोज लग जाने के बाद संक्रमण की रफ्तार स्थिर हो जाती है। भारत में वैक्सीन के उत्पादन की मौजूदा स्थिति और भविष्य की तैयारियों के आधार पर एसबीआइ ने अक्टूबर तक देश में लगभग 105 करोड़ डोज उपलब्ध होने का दावा किया है। इतने डोज से भारत की 15 फीसद जनसंख्या को दोनों डोज और 63 फीसद को पहला डोज लग चुका होगा। यानी करीब 70 फीसद आबादी को सुरक्षित हो चुकी होगी।

विशेषज्ञों ने कहा- दो तीन महीनों में 30 फीसद आबादी को दोनों डोज सुनिश्चित करना होंगे

कई अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि दो तीन महीनों में ही कम से कम 30 फीसद आबादी को दोनों डोज सुनिश्चित करना होंगे। नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फार कोविड-19 (नेगवैक) के सदस्य डाॅक्टर एनके अरोड़ा के अनुसार कोरोना की पहली लहर का पीक सितंबर में आया था। फिर चार महीने तक धीरे-धीरे मामले घटते गए। दूसरी लहर की शुरुआत फरवरी में शुरू होकर मई में पीक तक पहुंचने के आसार हैं।

मई में पीक के बाद चार महीने बाद तीसरी लहर की शुरुआत अक्टूबर या नवंबर तक होगी 

मई में पीक के बाद अगले चार महीने तक कोरोना का प्रकोप कम होता रहेगा और उसके बाद ही तीसरी लहर की शुरुआत होगी। तीसरी लहर का पीक आने में दो-तीन महीने का समय लगेगा। इस तरह अक्टूबर या नवंबर तक तीसरे चरण की शुरुआत होगी।

डाॅक्टर अरोड़ा ने कहा- अक्टूबर तक भारत में कई और वैक्सीन आ जाएंगी

डाॅक्टर अरोड़ा के अनुसार अक्टूबर तक आते-आते भारत की बड़ी आबादी को वैक्सीन लग चुकी होगी। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड का उत्पादन बढ़ने और स्पुतनिक-वी का देश में उत्पादन शुरू होने के अलावा जिनोवा की आरएनए पर आधारित और कैडिला की डीएनए पर आधारित वैक्सीन भी बाजार में आ चुकी होगी।

दोनों वैक्सीन असली गेमचेंगर साबित होंगी

इन दोनों वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं। इन्हें जून-जुलाई में आपात इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है। डाॅ.अरोड़ा के अनुसार ये दोनों वैक्सीन असली गेमचेंगर साबित होंगी क्योंकि कम समय में इनका उत्पादन काफी बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।


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