इंदौर के एक बड़े अस्पताल में खराब पड़ी थीं 99 लाख की मशीनें, युवाओं ने सुधार दी
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अस्पताल की खस्ता स्थिति को ठीक करने के लिए कुछ युवाओं ने अस्पताल में खराब पड़ी 99 लाख मशीने ठीक करने में सहयोग किया है।
भोपाल, जेनएन। कहानी इंदौर के चर्चित और सबसे बड़े एमवाई यानी महाराज यशवंत अस्पताल की है। इस अस्पताल में तमाम जरूरी उपकरणों के खराब पड़े होने का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा था। लंबे समय से यह समस्या बनी हुई थी। इंदौर के कुछ युवाओं ने अस्पताल के खराब उपकरणों को सुधारने का जिम्मा उठाया और संभागा युक्त से अनुमति लेकर पिछले दो माह में 99 लाख रुपये की लागत के 66 उपकरण ठीक करा दिए। इसमें इन्होंने पांच लाख 50 हजार 990 रुपये अपने पास से खर्च किए। यही नहीं, अब ये युवा अस्पताल के हर वार्ड में लगे इन उपकरणों की निगरानी करने का भी काम कर रहे हैं।
कौन है ये युवा
यह युवा शहर में सक्रिय स्वयंसेवी समूह वेकअप ग्रुप से जुड़े हुए हैं। जुलाई में जब इन्हें पता चला कि अस्पताल के गहन चकित्सा इकाई (इंटेंसिव केयर यूनिट, आइसीयू) में 18 बिस्तरों में से छह बिस्तरों पर ही जरूरी चिकित्सा उपकरण लगे हैं। स्टाफ ने बताया कि लगभग चार मॉनीटर और कुछ वेंटिलेटर खराब हैं। जानकारी के बाद युवाओं ने सभी खराब उपकरणों को सुधरवाने का निर्णय लिया गया। इन्होंने मेडिकल कॉलेज के डीन और संभागायुक्तसे चर्चा की। उन्होंने इस पहल का स्वागत किया और उपकरण सुधरवाने की अनुमति दी।
बजट कम होने के चलते थी खस्ता स्थिति
अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि बजट या अन्य कारणों से उपकरणों को सुधारा नहीं जा सका था। युवाओं ने सारी कागजी कार्यवाही कर वेंटिलेटर को ठीक कराया। ऐसे कई उपकरण, जो कई माह से खराब थे, एक-एक कर सुधारे गए। सुधार कार्यो में लगी राशि का इंतजाम चंदे से किया गया। मशीनों की कर रहे निगरानी युवाओं ने जानकारी ली तो पता चला चाइल्ड केयर में लगा बेबी वार्मर सिर्फ टाइमर न होने के कारण बंद था। सितंबर 2018 में एसएनसीयू में आग लगने के कारण सभी बेबी वार्मर जल गए थे, जिसके बाद पहले से ही इनकी कमी बनी हुई थी। युवाओं ने इसका टाइमर लगवाया और इसे चालू कराया।
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