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कोरोना से लड़ाई में नहीं होने होगी ऑक्‍सीजन की कोई कमी, सीएनजी सिलेंडरों में होगी आपूर्ति, तैयार रहने का निर्देश

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अस्पतालों के सामने ऑक्सीजन की कमी का संकट न पैदा हो इसके लिए सरकार इसकी सप्लाई सीएनजी सिलेंडरों के मार्फत करने पर विचार कर रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 10:40 PM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 10:40 PM (IST)
कोरोना से लड़ाई में नहीं होने होगी ऑक्‍सीजन की कोई कमी, सीएनजी सिलेंडरों में होगी आपूर्ति, तैयार रहने का निर्देश
कोरोना से लड़ाई में नहीं होने होगी ऑक्‍सीजन की कोई कमी, सीएनजी सिलेंडरों में होगी आपूर्ति, तैयार रहने का निर्देश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अस्पतालों के सामने ऑक्सीजन की कमी का संकट न पैदा हो इसके लिए सरकार इसकी सप्लाई सीएनजी सिलेंडरों के मार्फत करने पर विचार कर रही है। इसके लिए सीएनजी गैस सिलेंडर आपूर्तिकर्ताओं को तैयार रहने के लिए कहा गया है।

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सरकार ने सीएनजी उत्पादकों व सिलेंडर निर्माताओं को दिए तैयारी के निर्देश

सरकार का आकलन है कि महामारी के कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति में देश में वेंटीलेटरों के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी कमी हो सकती है। ऐसे में भविष्य के लिए अभी से तैयारी कर लेना बेहतर होगा। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के जरिए गैस अथारिटी ऑफ इंडिया (गेल) से देश में उपलब्ध आधे सीएनजी सिलेंडरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए खाली रखने तथा पेट्रोलियम एक्सप्लोसिव एंड सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन-पेसो से अनुमति प्रमाणपत्र लेने को कहा है।

अनुबंधित सप्लायरों द्वारा ट्रकों के माध्यम से की जाती है सीएनजी की आपूर्ति 

एक सीएनजी सप्लायर के अनुसार देश में सारे सीएनजी स्टेशनों पर सीएनजी की आपूर्ति गेल द्वारा अनुबंधित सप्लायरों द्वारा ट्रकों के माध्यम से की जाती है। इसके लिए प्रत्येक ट्रक में सिलेंडरों के कई क्रेट लादे जाते हैं और सीएनजी स्टेशनों पर इन्हें डिलीवर किया जाता है। बीस किलोग्राम वजन के प्रत्येक खाली सीएनजी सिलेंडर में 32 से 40 किलोग्राम तक गैस होती है। ट्रक में ढुलाई व सुरक्षा के लिहाज से इन्हें क्रेट में रखकर ले जाया जाता है। क्षमता के अनुसार तीन तरह के क्रेट होते हैं, जिनमें सिलेंडरों के आकार के अनुसार 6 टन, 7.5 टन अथवा 9 टन गैस होती। इसी प्रकार तीन तरह के आकार और क्षमता वाले ट्रकों से इन क्रेटों को सीएनजी पंपों तक पहुंचाया जाता है। सबसे छोटे ट्रक में 600 किलो, मीडियम साइज ट्रक में 900 किलो तथा लार्ज ट्रक में 1400 किलोग्राम तक गैस लादी जा सकती है।

1200 सीएनजी ट्रकों को ऑक्सीजन आपूर्ति के काम में लगाना चाहती है सरकार 

एक अनुमान के अनुसार इस समय देश के प्रमुख शहरों में तकरीबन 2500 ट्रकों के जरिए सीएनजी की आपूर्ति की जा रही है। सरकार इनमें से आधे यानी लगभग 1200 सीएनजी ट्रकों को ऑक्सीजन आपूर्ति के काम में लगाना चाहती है। इसके लिए इनके सीएनजी सिलेंडरों में ऑक्सीजन भरी जाएगी। ऑक्सीजन के उत्पादन एवं फिलिंग व रीफिलिंग के लिए औद्योगिक गैस निर्माताओं के संगठन इंडस्टि्रयल गैस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन तथा मेडिकल ऑक्सीजन गैस मैन्युफैक्चरर्स, रीफिलर्स तथा सप्लायर्स से संपर्क कर सरकार की मदद को कहा गया है।

ऑक्सीजन सिलेंडरों तथा उपकरणों को सैनिटाइज करने के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल और लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली कंपनियों तथा अस्पतालों से सिलेंडरों को ऑक्सीजन भरने से पूर्व पूरी तरह सैनिटाइज करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही इसकी उचित प्रक्रिया भी बताई है। इसके मुताबिक ऑक्सीजन भरने से पूर्व प्रत्येक सिलेंडर को साबुन मिले गर्म पानी (जो 50 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक गर्म न हो) से अच्छी तरह धोया जाना चाहिए अथवा उसे फांगिंग मशीन के जरिए रसायन छिड़क कर सैनिटाइज किया जाना चाहिए।


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