विदेशी मुद्रा के नियमों में होगा बड़ा परिवर्तन, RBI ने वित्त मंत्रालय को भेजा कानून में बदलाव का एजेंडा
रिपोर्ट में आरबीआई ने वर्ष 2023-24 में फेमा नियमों में आठ तरह के बदलाव करने की बात कही है। इसमें एक अहम संकेत यह दिया गया है कि फेमा 1999 के आपराधिक नियमों की बड़े पैमाने पर समीक्षा की जाएगी। पूर्व में इसमें बदलाव किए गए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा को देश में लाने या दूसरे देशों में पैसे ले जाने या निवेश करने के मौजूदा तौर-तरीके में एक और बड़े बदलाव की तैयारी है।
वैश्विक अर्थ पटल पर मौजूद अवसरों का पूरा फायदा उठाने और भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरत के हिसाब से इन बदलावों का एजेंडा आरबीआई ने तैयार किया है। यह बदलाव विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून, 1999 (फेमा) में किया जाएगा।
रुपये के लेनदेन को मिलेगा बढ़ावा
इसकी जानकरी हाल ही में केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी सालाना रिपोर्ट में दी गई है। इसके जरिये निर्यातकों को भी सहूलियत होगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में रुपये के लेनदेन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा भारतीय उद्यमियों को विदेशी बाजारों से ज्यादा कर्ज लेने की भी छूट मिलेगी।
इस रिपोर्ट में आरबीआई ने वर्ष 2023-24 में फेमा नियमों में आठ तरह के बदलाव करने की बात कही है। इसमें एक अहम संकेत यह दिया गया है कि फेमा, 1999 के आपराधिक नियमों की बड़े पैमाने पर समीक्षा की जाएगी। पूर्व में इसमें बदलाव किए गए हैं, लेकिन अब केंद्रीय बैंक ने हाल के वर्षों के अपने अनुभव के आधार पर फिर से इसमें बदलाव करने की बात कही है।
इसी तरह से एक अन्य बदलाव फेमा के तहत कंपनियों की तरफ से भरी जाने वाली सालाना रिपोर्ट को लेकर की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया को ज्यादा से ज्यादा आसान बनाने की बात आरबीआई की तरफ से कही गई है, ताकि विदेशी मुद्रा के कारोबार से जुड़ी कंपनियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़े।
कारोबारियों पर कम हो सकेगा नियमों का बोझ
फेमा में उक्त बदलावों का एक बड़ा उद्देश्य आरबीआई ने यह बताया है कि देश में विदेशी मुद्रा के गैर-कानूनी तरीके से होने वाले कारोबार पर पूरी तरह से रोक लग सके। साथ ही देश की इकोनमी में जो बदलाव हो रहे हैं उसके हिसाब से फेमा कानून को तैयार किया जा सके। कारोबारियों पर नियमों का बोझ कम किया जा सके।
हालांकि, इन बदलावों के साथ इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा कि रुपये की कीमत में सामान्य तौर पर ही बदलाव हो और इस पर अचानक कोई बाहरी दबाव न हो जिससे एक्सचेंज वैल्यू पर असमान्य बदलाव दिखाई दे।
पिछले साल जुलाई में ईसीबी नियमों को बनाया था उदार
जानकारों का कहना है कि आरबीआई का यह कदम कोई अप्रत्याशित नहीं है, वर्ष 2022-23 में भी केंद्रीय बैंक की तरफ से इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे। जैसे जुलाई, 2022 में ईसीबी (विदेशी मुद्रा में बाहर से उधारी लेने की प्रक्रिया) नियमों को उदार बनाते हुए 1.5 अरब डालर तक की राशि लाने की छूट दी थी।
इसका असर यह हुआ कि अगस्त-दिसंबर, 2022 के दौरान भारतीय कंपनियों ने कुल 15.09 अरब डालर की राशि इसीबी के जरिये हासिल की।
केंद्रीय बैंक ने क्या कुछ कहा?
- प्रवासियों के लिए रुपये में खाता खोलने की मौजूदा प्रक्रिया को और आसान बनाया जाए।
- विदेशी मुद्रा का कारोबार करने वाले मनी एक्सचेंजर के लिए भी प्रविधान को बदला जाए।
- विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून के तहत कारोबार के दिशानिर्देशों में बदलाव किया जाए।