Move to Jagran APP

...आत्मविश्वास और प्रतिभा का कोई 'स्टैंडर्ड साइज नहीं होता : बिशंबर दास, पहली ब्रिटिश एशियन प्लस साइज मॉडल

पंजाब के लुधियाना में जन्मीं बिशंबर दास का कहना है कि आत्मविश्वास और प्रतिभा का कोई स्टैंडर्ड साइज नहीं होता है। वो तो हर किसी को अपने अंदर पैदा करना पड़ता है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 06:20 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 06:29 PM (IST)
...आत्मविश्वास और प्रतिभा का कोई 'स्टैंडर्ड साइज नहीं होता : बिशंबर दास, पहली ब्रिटिश एशियन प्लस साइज मॉडल
...आत्मविश्वास और प्रतिभा का कोई 'स्टैंडर्ड साइज नहीं होता : बिशंबर दास, पहली ब्रिटिश एशियन प्लस साइज मॉडल

नई दिल्ली, सीमा झा। औसत वजन से बहुत अधिक वजन है उनका। परंपरागत फैशन मॉडल के चश्मे से देखें तो वे न आपकी आंखों में समा सकती हैं न ही मन में। पर वे प्लस साइज फैशन इंडस्ट्री में दुनिया की टॉप मॉडल हैं। यूके और यूएस के कई जाने-माने फैशन ब्रांड से जुड़ी हैं।

loksabha election banner

प्लस साइज मॉडल यानी आमतौर पर मॉडल की परिभाषा से बेहद अलग दिखने वाली मॉडल। कोई स्टैंडर्ड वजन नहीं। पतली टांगें और चमकते-तराशे बदन भी नहीं। जब आप बिशंबर दास की पूरी कहानी जान लेते हैं तो यकीनन हैरत हो सकती है।

साथ में यह गर्व भी कि वे एक भारतीय भी हैं। पंजाब के लुधियाना में उनका जन्म हुआ पर अब पिछले 30 साल से यूके में रह रही हैं। आपकी हैरानी और बढ़ सकती है जब आप जानेंगे कि वे यूके में सबसे कम उम्र की मजिस्ट्रेट जज भी रह चुकी हैं पर उन्हें पहचान मिली है पहली ब्रिटिश एशियन प्लस साइज मॉडल के रूप में। प्लस साइज मॉडल्स की पहली आदर्श बिशंबर दास उन असंख्य लड़कियों के लिए एक यूथ आइकॉन भी हैं जो अपने बढ़ते वजन को लेकर खुद को कमतर मानती हैं। अपने हिसाब से सजने-संवरने, कुछ पहनने से परहेज करती हैं।

 भारत में प्लस साइज मॉडलिंग को लेकर स्वीकार्यता बन रही है तो इसका कुछ श्रेय बिशंबर को भी जाता है। बिशंबर को इस बात से खुशी है और गर्व भी कि उनके प्रयासों से अब बीते सालों में प्लस साइज फैशन शोज भी आयोजित हो रहे हैं। हाल ही में वे दिल्ली में आयोजित एमएस प्लस साइज फैशन शो में बतौर जज शिरकत करने आईं तो प्लस साइज लड़कियों को अपने शानदार अनुभवों की झोली से निकालकर कुछ शानदार टिप्स भी दिए।

आप क्वीन हैं, यह यकीन करें
सुंदरता के मापदंड तेजी से बदल रहे हैं। कोई कहता है कि देखने वाले की आंखों में होती है सुंदरता तो कोई भीतरी सुंदरता को देखने को कहता है। जिन्हें जो कहना है कहे पर आप खुद को कैसे देखती हैं? यह सवाल कहीं अधिक मायने रखता है। आपकी नजर में आप क्या हैं? आप क्वीन हैं या जो आपको सुंदर लगती हैं उनसे तुलना करके खुद को अब तक औसत मान रही हैं? यकीनन अधिकतर लोग दूसरों को देखकर ही सुंदरता को परिभाषित करती हैं। मेरे हिसाब से हम खुद में सुंदर हैं लेकिन कभी देखा ही नहीं। एक बार सब भूलकर अपने भीतर देखिए आप एक सुंदर लड़की हैं, जिनसे न जाने कितने लोगों की खुशियां जुड़ी हैं। आपकी रूह भी कितनी सुंदर है। आईना देखिए और जानिए जब आप हंसती हैं तो उससे सुंदर चेहरा कोई दूसरा नहीं होता। यह याद रखना बेहद जरूरी है कि आपके आत्मविश्वास और प्रतिभा का कोई स्टैंडर्ड साइज नहीं होता। यह जितनी बड़ी होगी आप उतना बेहतरीन होंगी।

तनाव बना सकता है बदसूरत
बंधन में रहकर यानी लकीर के फकीर बनने से बात बनने के बजाय बिगड़ती ज्यादा है। मैं सुंदर दिखने के लिए अधिक प्रयास नहीं करती। एक ही चीज मानती हूं कि तमाम उतार-चढ़ाव के बीच खुद पर यकीन करें। खानपान को लेकर हायतौबा नहीं रहता, बस इतना रहता है कि शरीर के साथ कोई ज्यादती नहीं हो। यही है जो आपके साथ चल रहा है, कुछ भी ऐसा-वैसा खाते हैं, आदत डालते हैं तो संभालना मुश्किल हो सकता है। इन दिनों दस काम होते हैं। ऐसे में तनाव होना स्वाभाविक है। याद रहे, अत्यधिक तनाव आपको बदसूरत बना सकता है।

क्या पहनना है, इसकी टेंशन क्यों लेना? 
अपनी पसंद का पहनना है और जो भी पहनना है, उसमें भरपूर आत्मविश्वास दिखे। मन से यह बात पूरी तरह निकाल दें कि आप मोटी हैं या वजन ज्यादा है। या फिर जो आमतौर पर सोच लेती हैं आप कि लोग क्या कहेंगे आदि। हमेशा महसूस करें कि आप अपने आउटफिट में क्वीन दिख रही हैं। भला क्यों किसी से पूछें कि कैसी लग रही हूं? खुद ही खुद को कह दें कि मैं हूं बेस्ट। फिर सारी उलझन जाती रहेगी। अपने लुक के साथ एक्सपेरिमेंट करने से भी पीछे न हटें। आप हैरान हो जाएंगी कि आप नई हैं बिल्कुल और क्या-क्या रूप हो सकते हैं आपके। कितनी विविधता है आपमें। कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर देखें आप कितनी सुंदर हैं। 

जो पास है उसमें खुश रहें
अपने बारे में एक छवि होती है हमारे अंदर। यह अक्सर बाहर की बातों से बिगड़ जाती है। जैसे, वजनदार लड़कियों को लेकर इतनी धारणाएं हैं कि उनसे बच निकलना आसान नहीं। इसलिए हम अपने खुद के बड़े आलोचक हो जाते हैं। पर अपने बारे में नकारात्मक सोचने की बजाय यह सोचना चाहिए कि जो हालत अभी है मेरी, मैं इसी पोजीशन में औरों से बेहतर हो सकती हूं। मुझे जो मिला है वह दुनिया में औरों को नहीं मिला है। बस खुद को प्यार करें और इस आनंद और खुशी को बांटते रहें। आप जैसा फिर कोई न होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.