पाक मीडिया के आरोपों पर भारत ने जताया कड़ा एतराज
भारत ने पाकिस्तान द्वारा इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग में तैनात आठ अधिकारियों पर गड़बड़ी फैलाने के आरोपों को पूरी तरह से आधारहीन और तथ्यों से परे करार दिया है। साथ ही इन अधिकारियों
नई दिल्ली, प्रेट्र : भारत ने पाकिस्तान द्वारा इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग में तैनात आठ अधिकारियों पर गड़बड़ी फैलाने के आरोपों को पूरी तरह से आधारहीन और तथ्यों से परे करार दिया है। साथ ही इन अधिकारियों के नाम और फोटो मीडिया में देने वाले पाकिस्तान के कृत्य को राजनयिक अधिकार प्राप्त कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाला बताया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया में भारतीय अधिकारियों के बारे में आई खबर झूठ का पुलिंदा है। उन पर पाकिस्तान में गड़बड़ी फैलाने के आरोप आधारहीन हैं। भारत में जासूसी में लिप्त अधिकारी के रंगे हाथ पकड़े जाने के जवाब में पाकिस्तान अब इस तरह दुष्प्रचार कर रहा है, जिससे अपने अधिकारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ने से भारत सरकार उन्हें वापस बुला ले।
प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि अब वह इन आठ अधिकारियों समेत भारतीय उच्चायोग के बाकी कर्मियों की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दे। संघर्ष विराम उल्लंघन के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान खुद ही उकसावे के लिए फायरिंग की शुरुआत करता है और फिर भारत पर आरोप लगाता है। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में पाकिस्तान की ओर से दो तिहाई संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं पिछले पांच हफ्तों में हुई हैं।
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने भारतीय उच्चायोग के आठ अधिकारियों के नाम लेकर उन पर आतंकियों को मदद देने और पाकिस्तान में विध्वंसक गतिविधियों में मदद का आरोप लगाया। कहा कि ये बलूचिस्तान और सिंध के अलावा कराची में भी विध्वंसक गतिविधियों में सहयोग देते हैं।
बयान में प्रथम सचिव (वाणिज्य) अनुराग सिंह को रॉ का स्टेशन चीफ बताते हुए वाणिज्य सलाहकार राजेश कुमार अग्निहोत्री, अमरदीप सिंह भट्टी, धर्मेद्र सोढ़ी, विजय कुमार वर्मा, माधवन नंदा कुमार और जयाबालन सेंथिल के नाम लिये गए हैं। प्रेस और संस्कृति विभाग के प्रथम सचिव बलबीर सिंह को स्पष्ट रूप से इंटेलीजेंस ब्यूरो एजेंट बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में तैनात अपने छह अधिकारियों को बुधवार को वापस बुला लिया था। माना जा रहा है कि पिछले महीने नई दिल्ली में जासूसी करते पकड़े गए पाकिस्तानी अधिकारी महमूद अख्तर द्वारा पूछताछ में इन अधिकारियों का नाम खोल दिए जाने के बाद पाकिस्तान ने यह कदम उठाया था।
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