छात्रों को कौशल विकास से जोड़ने के काम में आएगी तेजी, रणनीति के तहत एक ही मंत्री को सौंपी गई जिम्मेदारी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद उसकी सिफारिशों पर अमल का काम तेजी से शुरू हुआ लेकिन कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े मोर्चे पर सुस्ती थी। नई पहल से कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा से सभी छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य तय समय पर पूरा हो सकेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंत्रिमंडल के नए बदलाव में एक ही मंत्री को शिक्षा जैसे महकमे के साथ कौशल विकास की जिम्मेदारी मिलना भले ही कुछ लोगों को अटपटा लग रहा है, लेकिन यह फैसला एक सोची-समझी रणनीति के तहत लिया गया है। इसका मकसद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उन लक्ष्यों को हासिल करना है, जिसमें वर्ष 2025 तक स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले कम-से-कम से 50 फीसद छात्रों को कौशल विकास या व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ना है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद वैसे तो उसकी सिफारिशों पर अमल का काम तेजी से शुरू हुआ, लेकिन कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े मोर्चे पर सुस्ती थी। नई पहल से कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा से सभी छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य तय समय पर पूरा हो सकेगा।
नीति में छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने यह पहल तब की गई है, जब 12वीं पंचवर्षीय योजना की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि देश में 19 से 24 वर्ष की आयु के भारतीय कार्यबल में सिर्फ पांच फीसद लोग ही औपचारिक रूप से व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त है। वहीं अमेरिका में इस आयु वर्ग में 52 फीसद लोग, जर्मनी में 75 फीसद लोग और दक्षिण कोरिया में 96 फीसद लोग ऐसी शिक्षा प्राप्त हैं। नीति में इन्ही आधारों पर व्यावसायिक शिक्षा की दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत बताई गई है।
देश के 600 जिलों में शुरू हुआ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का तीसरा चरण
बता दें कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का तीसरा चरण 15 जनवरी 2021 को शुरू हो गया है। सरकार की कौशल प्रदान करने की इस प्रमुख योजना का तीसरा चरण देश के सभी राज्यों के 600 जिलों में शुरू हुआ है। पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत योजना की 2020-21 की अवधि के दौरान आठ लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पर 948.90 करोड़ रुपये खर्च होंगे।