11 साल की बच्ची की मेहनत से पूरा गांव खुले में शौच से मुक्त
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले का मिढ़की गांव तीनों ओर पानी, चौथी तरफ जंगल से घिरा है। सड़क और बिजली नहीं, उस गांव के हर घर में बनवा दिया शौचालय
जबलपुर (अतुल गुप्ता)। तीन तरफ कई किलोमीटर तक सिर्फ पानी। चौथी दिशा में चार किलोमीटर तक घना जंगल। गांव के 10 परिवारों के अलावा दूर-दूर तक आबादी का निशान नहीं। सड़क तो दूर खरंजा (सड़क का छोटा सा भाग) भी नहीं। बिजली के खंभे अब लगने शुरू हो रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ यह गांव 11 साल की साक्षी यादव की मेहनत के कारण ओडीएफ (खुले में शौच से मुक्त) हो गया है।
सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यह मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के गांव मिढ़की की हकीकत है। 28 साल पहले बरगी डैम बनने से आसपास का क्षेत्र डूब में आया तो आय के साधन खत्म हो गए। पलायन के कारण मात्र 10 परिवारों के 50-55 लोग ही गांव में हैं। वे भी मछली पालन कर गुजारा करते हैं। इसी गांव की 11 साल की कक्षा छठी में पढ़ रही साक्षी राशन लेने 10 किलोमीटर बरगी डैम में नाव चलाकर मगरधा आती थी। पंचायत सचिव रूपराम सेन ने एक बार मुलाकात में उससे पूछा कि तुम्हारे घर में शौचालय है या नहीं।
11 साल की साक्षी ने इन्कार में सिर हिलाया तो उसे शौचालय के फायदे समझाए। सरकारी मदद मिली तो मगरधा से ही सीमेंट-ईंट खरीदकर नाव से अपने गांव ले गई और शौचालय बनवाना शुरू किया। अपने घर का शौचालय बना तो उसने गांव के अन्य लोगों को भी समझाया। धीरे-धीरे पूरे गांव के घरों में शौचालय बन गए।
गांव पहुंचना मुश्किल
स्वच्छ भारत मिशन की ब्लॉक समन्वयक सुषमा सरफरे बताती हैं कि गांव में पहुंचने के दो रास्ते हैं। एक मंडला जिले से होते हुए और दूसरा 10-12 किलोमीटर नाव चलाकर बरगी डैम को पार करते हुए। मंडला जिले से आना मुश्किल है क्योंकि सड़क कठौतिया तक ही बनी है। वहां से चार किलोमीटर तक घने जंगल के रास्ते पगडंडी ही है।
सरकारी अधिकारी रोजाना गांव नहीं जा सकते थे, इसलिए गांव की ही पढ़ी-लिखी लड़की साक्षी को जागरूक करने के लिए चुना था। जिला समन्वयक अरुण सिंह बताते हैं कि साक्षी के समझाने और सरकारी अनुदान की वजह से तीन महीने में पूरा गांव ओडीएफ हो गया।