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दहशत में है गांव के लोग, कुएं से उठ रहे बुलबुले तो जमीन में सुनाई दे रहे धमाके; जानें- क्या है माजरा

पास के ही एक किसान ने बताया कि गांव में पिछले करीब एक सप्ताह से रोज तेज आवाज के साथ जमीन में कंपन हो रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 10:02 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 10:22 PM (IST)
दहशत में है गांव के लोग, कुएं से उठ रहे बुलबुले तो जमीन में सुनाई दे रहे धमाके; जानें- क्या है माजरा

बड़वानी, जेएनएन। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में बीते एक सप्ताह से करीब आठ गांवों में भू-गर्भीय धमाके सुनाई दे रहे हैं। ग्राम भमोरी के एक कुएं में तो बड़ी संख्या में बुलबुले भी दिखाई दिए। शुक्रवार रात भू-गर्भीय हलचल अधिक होने से ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी।

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राजपुर एसडीएम वीरसिंह चौहान ने शनिवार को संबंधित क्षेत्र का दौरा किया। जिला मुख्यालय स्थित वेधशाला के भूकंप मापी में हल्के झटके दर्ज हुए हैं। हालांकि ये रिक्टर पैमाने पर नहीं आए हैं। इन घटनाओं से ग्रामीणों में भय व्याप्त है।

जमीन में सुनाई दे रही गड़गड़ाहट की आवाज
राजपुर अनुभाग के ग्राम भमोरी, साकड़, बिल्वारोड़, राजीव गांधी नगर, टांडा, उमरिया, हरिबड़, सुराणा, गुगलगांव, सिनगुन आदि में ग्रामीणों को नौ अगस्त से जमीन के अंदर से धमाकों की आवाज आ रही है। ग्राम भमोरी निवासी अरविंद चौहान ने बताया कि पहले दिन जमीन से रात को आए झटके कुछ सेकंड तक रहे। अब लगभग प्रतिदिन रात को जमीन में गड़गड़ाहट सुनाई दे रही है।

किसान कमल बरफा ने बताया कि गांव में पिछले करीब एक सप्ताह से रोज तेज आवाज के साथ जमीन में कंपन हो रहा है। भमोरी के उपसरपंच मोहन बरफा ने बताया कि हमने सीएम हेल्प लाइन पर भी इस बारे में जानकारी दी है।

आधा दर्जन गांव हैं प्रभावित
बता दें कि बड़वानी जिला नर्मदा तापी के सुप्ता फाल्ट के अंतर्गत भूकंप प्रवण जोन 3 में आता है। कलेक्टर को रिपोर्ट प्रेषित की राजपुर एसडीएम वीरसिंह चौहान ने बताया कि करीब आधा दर्जन ग्रामों में एक सप्ताह से तेज आवाज के साथ कंपन की सूचना पर शनिवार को ग्राम भमोरी, गूगलगांव और सिनगुन का दौरा कर लोग से चर्चा की।

इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को प्रेषित की है। बांधों के जल भंडार का दबाव है जमीन पर नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि नर्मदा घाटी तो वैसे ही हाई रिस्क जोन में है। वहीं, नर्मदा पर बने बांधों सहित आसपास बने बांधों के कारण जमीन पर जल भंडार का बहुत दबाव है। इससे भूकंप जैसी घटनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।


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