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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा, सीएए विरोधी आंदोलन में पूर्व के नोटिस पर न करे कार्रवाई

जस्टिस चंद्रचूड़ और शाह की पीठ ने कहा पहले भेजे गए नोटिसों के तहत कार्रवाई मत कीजिए। सभी कार्रवाई नए नियमों के अनुरूप की जानी चाहिए। यूपी की ओर से पेश वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार सुनवाई की आखिरी तारीख से आगे बढ़ रही है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 08:18 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 08:29 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा, सीएए विरोधी आंदोलन में पूर्व के नोटिस पर न करे कार्रवाई
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के वकील से नियमों और ट्रिब्यूनल का विस्तृत विवरण देने को कहा

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सीएए विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहले भेजे गए नोटिस पर कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने हालांकि राज्य सरकार से कहा कि वह कानून के मुताबिक और नए नियमों के तहत कदम उठा सकती है।

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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने कहा, पहले भेजे गए नोटिसों के तहत कार्रवाई मत कीजिए। सभी कार्रवाई नए नियमों के अनुरूप की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश की ओर से पेश वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार सुनवाई की आखिरी तारीख से आगे बढ़ रही है। इसने ट्रिब्यूनल का गठन किया है और सभी जरूरी नियम बनाए हैं। इस पर पीठ ने प्रसाद को जवाबी हलफनामा दायर कर नियमों और ट्रिब्यूनल का विस्तृत विवरण देने को कहा और मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी।

सुप्रीम कोर्ट परवेज आरिफ टीटू की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। परवेज ने अपनी याचिका में उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए नोटिस को रद करने की मांग की थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिला प्रशासन की ओर से मनमाने ढंग से नोटिस भेजे गए हैं।


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