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भारतीय कूटनीति की होगी अग्नि परीक्षा, सुरक्षा परिषद की स्‍थाई सदस्‍यता पर टिकी नजर

देश की स्थिर-स्‍थाई सरकार ने कूटनीतिक क्षेत्र में भी भारत का मान बढ़ाया है। इस क्षेत्र में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब इसका लक्ष्‍य सुरक्षा परिषद की स्‍थाई सदस्‍यता पर है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 01:02 PM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 12:58 AM (IST)
भारतीय कूटनीति की होगी अग्नि परीक्षा, सुरक्षा परिषद की स्‍थाई सदस्‍यता पर टिकी नजर
भारतीय कूटनीति की होगी अग्नि परीक्षा, सुरक्षा परिषद की स्‍थाई सदस्‍यता पर टिकी नजर

वाशिंगटन, जागरण स्‍पेशल । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफल विदेश नीति के चलते एक बार फ‍िर भारत ने सुरक्षा परिषद में स्‍थाई सदस्‍यता के लिए अपनी कूटनीतिक पहल को तेज कर दिया है। भारत ने इस मामले में अपने स्‍टैंड को साफ कर दिया है कि सुरक्षा परिषद में भारत का नहीं होना संयुक्‍त राष्‍ट्र की साख पर सवाल खड़े करता है। यह भारत का अपमान नहीं है।

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नई कूटनीति में भी दावे पुराने

इस कूटनीतिक पहल में उन दावों का जिक्र किया गया है, जो भारत अरसे से करता आया है। लेकिन इस बार विश्‍व परिदृश्य में भारत की स्थिति बहुत भिन्‍न है। यह 20वीं सदी वाला लाचार, कमजोर और आश्रित भारत नहीं है। अरसे बाद भारत में एक स्‍थायी और स्थिर सरकार का वजूद है। नरेंद्र मोदी सरकार ने दुनिया भर में भारत की छवि एक मजबूत राष्‍ट्र के रूप में पेश की है। बतौर प्रधानमंत्री यह उनकी दूसरी पारी है।

अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर शानदार छवि के कारण ही दुनियाभर में भारत की साख दक्षिण एशियाई मुल्‍कों में एक मजबूत राष्‍ट्र के रूप में पेश हुई है। इन छह वर्षों में भारत ने अपने आंतरिक एवं बाह्य मामलों को अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी के समक्ष बहुत मजबूती से रखा है। अंतरराष्‍ट्रीय बिरादरी ने हर मौके पर भारतीय दृष्टिकोण को सराहा। यह भारत की कूटनीतिक जीत थी।

  आखिर क्‍या कहा विदेश मंत्री जयशंकर ने

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन में अमेरिकी थिंक टैंक पर विचार रखने के बाद अमेरिका की धरती पर यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि यदि आपके पास ऐसा संयुक्‍त राष्‍ट्र है, जिसमें दुनिया की सबसे ज्‍यादा आबादी और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यस्‍था वाला देश निर्णय लेने वालों में शामिल नहीं है तो इससे संयुक्‍त राष्‍ट्र की विश्‍वसनीयता प्रभावित होती है।  

भारत की बढ़ी कूटनीतिक साख 

गत वर्षों में भारत ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे देश दुनिया में भारत की साख में बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री माेदी के दूसरे कार्यकाल में देश करीब-करीब हर मोर्चे पर सफल रहा है। यह कार्यकाल कूटनीतिक लिहाज से भी बेहद अहम रहा है। पुलवामा आतंकी हमला हो या भारतीय सेना द्वारा पाकिस्‍तान में घुसकर आतंकी शिविरों पर प्रहार हो, भारतीय अनुच्‍छेद 370 का मामला हो या हाउडी मोदी की लोकप्रियता हो, सभी जगहों पर भारत ने दमदार पहल की है। 

1- भारतीय योग को दुनिया ने अपनाया

प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर जिस तरह भारतीय योग के महत्‍व को दुनिया ने स्‍वीकार किया उससे विश्‍व में भारत की अलग छवि बनी। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने भारतीय योग को आज की जरूरत माना। मोदी सरकार की पहल पर 21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। दुनिया ने भारतीय संस्‍कृति और उसकी श्रेष्‍ठ सनातन परंपरा को स्‍वीकार किया। यह भारत की एक बड़ी जीत थी। भारत गरीब और पिछड़े भारत की छवि से मुक्‍त हुआ। दूसरे, इससे यह सिद्ध हो गया कि भारत धर्मगुरू बनने की पूरी योग्‍यता रखता है।

2- पुलवामा आतंकी घटना, पाक ने मुंह की खाई

पाकिस्‍तान ने स्‍वप्न में नहीं सोचा था कि पुलवामा उसके लिए गले की हड्डी बन जाएगा। पाक का यह दांव उसे उलटा पड़ा। भारत के कूटनीतिक कौशल से दुनिया के सामने वह बेनकाब हो गया। भारत ने पड़ाेसी मुल्‍क को कठघरे में खड़ा कर दिया। पूरी दुनिया ने भारत के दृष्टिकोण को सही माना। पाकिस्‍तान पर जबरदस्‍त दबाव बना कि वह आतंकियों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई करे। इस घटना में पाक की बड़ी जगहंसाई हुई। यह मोदी सरकार की विदेश नीति की बड़ी विजय थी।

3- बालाकोट में भारतीय सेना का दुनिया ने माना लोहा

6 फरवरी, 2019 को भारतीय वायु सेना के 12 मिराज-2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकवादी शिविरों पर हमला बोल दिया। सेना के इस आपरेशन में 200 से 300 आतंकवादी मारे। सेना ने पहली बार माना कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्‍तान में घुसकर आतंकी शिविरों को ध्‍वस्‍त किया। पाकिस्‍तान ने पूरी दुनिया के सामने रोना रोया। पाकिस्‍तान ने कहा कि भारतीय सैन्‍य विमानों ने मुजफ्फराबाद के पास उनके हवाई क्षेत्र का उल्‍लंघन किया। दुनिया के किसी मुल्‍क ने इस हमले का विरोध नहीं किया। यहां भी भारत के दृष्टिकोण को दुनिया ने जायज़ माना। आतंकवाद के मामले वह पूरी दुनिया से अलग-थलग पड़ गया।

4- कश्‍मीर मसले पर पाक ने खाई मुंह की  

कश्‍मीर में अनुच्‍छेद-370 को लेकर पाकिस्‍तान पूरी दुनिया में रोया, लेकिन किसी ने उसपर रहम नहीं खाया। यहां भी भारतीय कूटनीतिक प्रयास सफल रहा। यहां तक की उसका सबसे जिगरी दोस्‍त चीन भी एक सीमा तक साथ चलने के बाद साथ छोड़ गया। पूरी दुनिया में पाकिस्‍तान अलग-थलग पड़ गया।


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