छत्तीसगढ़ : संतान की चाहत में नक्सली जोड़े ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, किया आत्मसमर्पण
गृहस्थी बसाने और संतान सुख के लिए एक नक्सली प्रेमी जोड़े ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
दंतेवाड़ा [योगेंद्र ठाकुर]। बुधवार को एक प्रेमी जोड़े ने नक्सलियों की हिंसा की दुनिया त्यागकर आत्मसमर्पण कर दिया। प्रेमिका के गर्भवती होने के बाद नक्सली लीडर उसका गर्भपात कराने की तैयारी में थे। ऐसे में गृहस्थी बसाने और संतान सुख के लिए इस जोड़े ने समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया। इनके साथ तीन और नक्सलियों ने समर्पण किया है, जिनमें दो इनामी हैं। एक नक्सली दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड और एनआइए की सूची में शामिल रहा है।
प्रेम की ही ताकत है कि अकेले बस्तर में दस साल में सौ से ज्यादा युवक-युवतियों ने बंदूकें त्याग शादी की और समाज की मुख्यधारा से जुड़ गए। यह जानने के बावजूद कि यह कदम उन्हें नक्सलियों का दुश्मन बना देगा, डिगे नहीं। बस्तर जिले के पिड़ियाकोट निवासी जनमिलिशिया सदस्य हरदेश लेकाम ने प्रेमिका आसमती के साथ समर्पण किया है। हरदेश ने बताया कि पिता की मौत के बाद वर्ष 2017 में नक्सली उसे अपने साथ जंगल ले गए थे। आसमती चेतना नाट्य मंडल (सीएनएम) की सदस्य थी। इसी दौरान उससे प्रेम हो गया। नक्सली लीडर सगनू से अनुमति मिलने के बाद दोनों ने विवाह कर लिया। आसमती गर्भवती हुई तो नक्सली लीडर उसका गर्भपात कराने का षड्यंत्र करने लग। एक बार उसे गर्भपात की गोली भी खिला दी थी, जो कारगर नहीं हुई। हरदेश ने बताया आसमती को छह माह का गर्भ है। आगे खतरा बढ़ गया था। ऐसे में समर्पण का फैसला लिया। बता दें कि नक्सली लीडर संगठन कमजोर न पड़ जाए, इसलिए पुरुषों की नसबंदी करा देते हैं, ताकि वह संतान पैदा न कर पाए। वहीं महिला नक्सलियों के गर्भवती होने पर गर्भपात करा देते हैं।
इन्होंने किया समर्पण
कोड़ेनार थाना क्षेत्र के बुरगुम निवासी एलजीएस कमांडर और पांच लाख रुपये का इनामी साधु पाकलु, किरंदुल थाना क्षेत्र के ग्राम कलेपाल निवासी डीएकेएमएस (दंडकारण्य किसान मजदूर संघ) अध्यक्ष एक लाख का इनामी नंदा कुंजाम और बीजापुर के मिरतुर निवासी डीएकेएमएस अध्यक्ष आयतु ताती शामिल हैं। नंदा वर्ष 2007 में श्यामगिरी में बारूदी विस्फोट से विधायक भीमा मंडावी के वाहन को उड़ाने की घटना में शामिल था।
नक्सली लीडर भी नहीं बच पाए प्रेम के जादू से
जगरगुंडा एरिया कमेटी के कमांडर बदरन्ना ने चिंतलनार दलम की लतक्का से विवाह कर समर्पण किया था। केशकाल डिवीजनल कमेटी के कमांडर केसन्न्ा ने नक्सल दलम की सदस्य सुनीता से शादी की थी। दक्षिण बस्तर एरिया कमटी के अर्जुन ने देवे से, बासागुड़ा के डिप्टी कमांडर जोगन्ना ने चंद्रक्का से, मद्देड़ के डिप्टी कमांडर अशोकन्ना ने नक्सल दलम की सदस्य जयकन्ना से विवाह किया था। इधर दक्षिण बस्तर स्पेशल जोनल कमेटी के लछन्ना और मद्देड़ के एरिया कमांडर रामाराव ने भी प्रेम विवाह कर हिंसा का रास्ता छोड़ा है।