इटालियन पिज्जा बनाने की विधि अब दुनिया की सांस्कृतिक धरोहर
यूनेस्को ने इसे विश्व की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया है। पिज्जा से पहले तुर्की की कॉफी और शराब बनाने संबंधी जार्जिया की विधि को भी विश्व सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया जा चुका है।
जेजू (दक्षिण कोरिया) रायटर: इटली के नेपल्स शहर में पिज्जा बनाने की विधि अब 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत' हो गई है। यूनेस्को ने इसे विश्व की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया है। यहां इसे 'पिज्जाइउलो' कहा जाता है। विधि के अनुसार पिज्जा के लिए बनाई गई रोटी पहले हवा में लहराई जाती है, फिर इसे लकड़ी के ओवन में सेंकी जाती है । इटली का दावा था कि यह विधि यहां की सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। यूनेस्को ने दलील को मानते हुए इसे सूची में शामिल कर लिया गया ।
नेपल्स में बनने वाला पिज्जा अन्य के मुकाबले पतला होता है, जो सेंकने के बाद साइकिल के टायर की तरह फूल जाता है। नेपल्स में मुख्य रूप से मैरिनारा और मार्गेरिटा नामक पिज्जा तैयार किए जाते हैं। मार्गेरिटा पिज्जा को पहली बार 1889 में महारानी मार्गेरिटा के सम्मान में बनाया गया था। इसमें इटली के झंडे के तीन रंगों हरा, लाल और सफेद का प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त यूनेस्को ने ईरान की घुड़सवारी और नीदरलैंड की पवन चक्की को भी सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया है। पिज्जा से पहले तुर्की की कॉफी और शराब बनाने संबंधी जार्जिया की विधि को भी विश्व सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया जा चुका है।