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कोरोना के हालात पर सरकार की है नजदीकी नजर, जानिए बूस्टर डोज को लेकर सदन में क्या बोले केंद्रीय मंत्री

संसद के उच्च सदन में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने उस सवाल के जवाब में ये बातें कहीं जिसमें पूछा गया था कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे और संभावना को कम करने के लिए क्या सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 08:12 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 11:10 PM (IST)
कोरोना के हालात पर सरकार की है नजदीकी नजर, जानिए बूस्टर डोज को लेकर सदन में क्या बोले केंद्रीय मंत्री
कोरोना एंटीबाडी की अवधि की सटीक जानकारी के लिए अभी वैज्ञानिक अध्ययन जारी

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने राज्यसभा में मंगलवार को बताया कि देश में कोरोना के बदलते हालात पर नजदीकी नजर रखी जा रही है। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए 'जांच-पहचान-उपचार', कोरोना से बचाव के उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण की रणनीति का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। सरकार ने सदन को यह भी बताया कि शरीर में कोरोना एंटीबाडी कितने समय तक बनी रहती है इसका पता लगाने के लिए अभी भी वैज्ञानिक अध्ययन चल रहा है।

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संसद के उच्च सदन में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने उस सवाल के जवाब में ये बातें कहीं, जिसमें पूछा गया था कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर के खतरे और संभावना को कम करने के लिए क्या सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि जीनोमिक सीक्वेंसिंग और कोरोना के बदलते वैरिएंट का पता लगाने के लिए इंडिया सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक सर्विलांस कंसोर्टियम (इंसाकाग) का गठन किया गया है जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में फैली प्रयोगशालाओं को शामिल किया गया है। आक्सीजन की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में पवार ने सदन को बताया कि कोरोना एंटीबाडी शरीर में कब तक बनी रहती है यह पता लगाने के लिए भारत के साथ ही दुनिया के कई देशों में अध्ययन किया जा रहा है। कई शोधकर्ता अपने स्तर पर और वैक्सीन निर्माता कंपनियां इस एंटीबाडी की अवधि के बारे में वैज्ञानिक साक्ष्यों की तलाश कर रही हैं। बूस्टर डोज के सवाल पर उन्होंने कहा कि विज्ञानियों के समूह इसकी आवश्यकता पर अध्ययन कर रहे हैं।

पवार ने एक अन्य सवाल पर कहा कि 100 करोड़ टीकाकरण की उपलब्धि हासिल करने की उपलब्धि का बैनर और पोस्टर के माध्यम से प्रचार करने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आउटरीच एवं संचार ब्यूरो ने 25 लाख रुपये जारी किए थे।

सरकार ने और क्या कहा

- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना के तहत 29 नवंबर तक कोरोना से संबंधित ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले 1,509 स्वास्थ्यकर्मियों के परिवारों को 50 लाख प्रत्येक के बीमा दावे का भुगतान किया गया।

- 30 नवंबर तक कोरोना रोधी वैक्सीन की कुल 123.25 करोड़ डोज लगाई गईं, जिनमें प्रतिकूल प्रभाव के 49,819 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 47,691 मामूली प्रभाव के मामले थे।

- भारत ने जनवरी से वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत 94 देशों और संयुक्त राष्ट्र की दो संस्थाओं को कोरोना रोधी वैक्सीन की 7.23 करोड़ डोज की आपूर्ति की है। महामारी के बाद से 150 से अधिक देशों को चिकित्सा संबंधी सहायता भी मुहैया कराई गई है।

- कोरोना महामारी के दौरान के अनुभवों के आधार पर स्वास्थ्य प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिए इस साल 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू किया गया था।

- भारत में 31 अक्टूबर तक नोरोवायरस के 65 मामले पाए गए थे। इनमें से 54 मामले केरल के वायनाड और 11 अलाप्पुझा से थे।


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