भारतीय कंपनियों को 'प्रोजेक्ट 75' के तहत 50 हजार करोड़ रुपये में 6 पनडुब्बियों के निर्माण का मिला कॉन्ट्रैक्ट
भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट-75 इंडिया के तहत रक्षा मंत्रालय ने भारत में प्रोजेक्ट -75 इंडिया के तहत भारतीय नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए लगभग 50000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा करने के लिए, 'प्रोजेक्ट-75 इंडिया' के तहत रक्षा मंत्रालय ने भारत में प्रोजेक्ट -75 इंडिया के तहत भारतीय नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। यह निविदा (टेंडर) मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो को जारी किया गया है।
भारतीय नौसेना का प्रोजेक्ट -75
भारतीय नौसेना और मेक इन इंडिया की ताकत को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को प्रोजेक्ट-75 के तहत छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया। रक्षा सूत्रों ने एएनआइ को बताया, 'देश के भीतर छह पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए आज टेंडर जारी किया गया है। टेंडर मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो को जारी किया गया है।'
साथ ही उन्होंने कहा कि रणनीतिक साझेदार के रूप में पहचाने जाने वाली दो भारतीय कंपनियां अब फ्रांस, जर्मनी, रूस, दक्षिण कोरिया और स्पेन की फर्मों सहित पांच वैश्विक मूल उपकरण निर्माताओं में से प्रत्येक में एक भागीदार का चयन करेंगी। आपको बता दें कि प्रोजेक्ट 75 के तहत 4 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में निविदा जारी करने या प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) को मंजूरी दी गई थी।
पनडुब्बियों होंगी भारी-भरकम मारक क्षमता से लैस
केंद्रन सरकार ने हमेशा से भारतीय सुरक्षा पर बल दिया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना को जल्द ही पारंपरिक पनडुब्बियों (सबमरींस) मिलने वाली है। प्रोजेक्ट 75-इंडिया के तहत, नौसेना छह पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का निर्माण करेगी जो मुंबई में मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड में निर्माणाधीन स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों से बड़ी होंगी। पनडुब्बियों को भारी-भरकम मारक क्षमता से लैस किया जाएगा ताकि नावों में कम से कम 12 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LACM) के साथ-साथ एंटी-शिप क्रूज मिसाइल (ASCM) हों। इन पनडुब्बियों से यह तो तय है कि भारतीय नौसेना की ताकत को बल मिलेगा और समंदर के रास्ते कड़ी सुरक्षा से लैस रहेंगे। प्रोजेक्ट 75 पास किया गया टेंडर देश की सुरक्षा और भारत के रक्षा उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।