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रेलवे के वीआइपी कोटे पर सीबीआइ रखेगी नजर, टिकट की कालाबाजारी को रोक लगाना होगा काम

एचओ कोटे पर कब्जा करने वाले दलालों पर अब सीबीआइ की नजर रहेगी।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 08:54 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 08:54 PM (IST)
रेलवे के वीआइपी कोटे पर सीबीआइ रखेगी नजर, टिकट की कालाबाजारी को रोक लगाना होगा काम
रेलवे के वीआइपी कोटे पर सीबीआइ रखेगी नजर, टिकट की कालाबाजारी को रोक लगाना होगा काम

प्रदीप चौरसिया, मुरादाबाद। तत्काल टिकट के बाद दलालों की नजर वीआइपी कोटे यानी हाई आफिसियल (एचओ) कोटे पर लगी हुई है। एचओ कोटे पर कब्जा करने वाले दलालों पर अब सीबीआइ की नजर रहेगी। इस कोटे पर सफर करने वाले यात्रियों से सीबीआइ कभी भी पूछताछ कर सकती है। साथ ही संदेह होने पर कार्रवाई कर सकती है। रेल प्रशासन ने भी टिकट की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए विशेष टीम को लगाया है।

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लोकसभा चुनाव होने के कारण ट्रेनों में गर्मी के सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ जाएगी। यात्रियों भीड़ बढ़ते ही टिकट की कालाबाजारी करने वाले गिरोह सक्रिय हो जाएंगे। यह गिरोह जनरल और तत्काल आरक्षण टिकट की कालाबाजारी करते हैं। लगभग सभी ट्रेनों में एचओ कोटे में बर्थ आरक्षित होती हैं। यह बर्थ रेल प्रशासन ऑन ड्यूटी जाने वाले अधिकारियों, सांसद, केंद्र व राज्य सरकार के मंत्री, सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट के न्यायाधीश व विशिष्ट नागरिकों को देता है। इनमें से कोई नहीं होने पर यह बर्थ वेटिंग वाले यात्रियों को दी जाती है। एचओ कोटे पर दलालों की नजर होती है। दिल्ली से आदेश जारी करा एचओ कोटे पर कब्जा कर लेते हैं। पिछले साल गर्मी के सीजन में रेलवे के महाप्रबंधक और बोर्ड के अधिकारियों तक को बर्थ नहीं मिल पाई थी।

अब सीबीआइ एचओ कोटे पर नजर रखने जा रहा है। सीबीआइ एचओ कोटे में आवंटित बर्थ वाले यात्री के बारे में जानकारी रेलवे अधिकारी से लेगा और उनसे फोन कर पूछताछ करेगा। संदेह होने पर कार्रवाई कर सकता है।

रेल प्रशासन ने जनरल व तत्काल आरक्षण टिकट की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए आरपीएफ और टीटीई की विशेष टीम भी बनाई है। टीम आरक्षण बुकिंग काउंटर, साइबर कैफे, आइआरसीटीसी के बुकिंग सेंटर पर निगरानी रखेगा। पिछले साल मंडल में 10 दलालों को गिरफ्तार किया गया था। मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने बताया कि टिकट की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सीबीआइ भी नजर रखेगी।


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