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दुल्हन ही दहेज है...इसलिए एक जोड़ी कपड़ों में दुल्हन को लाए

कई बार दहेज को लेकर रिश्ते बनते-बनते टूट जाते हैं, लेकिन एक युवा ने दहेज नहीं लेकर समाज में मिसाल पेश की है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 29 May 2018 02:46 PM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 02:46 PM (IST)
दुल्हन ही दहेज है...इसलिए एक जोड़ी कपड़ों में दुल्हन को लाए

धार [महेश सोलंकी]। कई बार दहेज को लेकर रिश्ते बनते-बनते टूट जाते हैं, लेकिन एक युवा ने दहेज नहीं लेकर समाज में मिसाल पेश की है। युवक को स्विफ्ट कार, एसी, कूलर, गोदरेज, पलंग सहित करीब 6 लाख का दहेज मिलने वाला था, लेकिन पिपल्या गांव के युवा ने शादी से 15 दिन पहले ही दहेज लेने से इंकार कर दिया। युवक राजपालसिंह पिता हेमेंद्रसिंह पंवार ने बताया कि 5 साल पहले उनकी सगाई दिव्या बिसनखेड़ा (इंदौर) से हुई थी। 28 अप्रैल 2018 को उन्होंने दिव्या के साथ सात फेरे लेकर जीवन की नई शुरुआत की।

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राजपाल ने बताया कि शादी से 15 दिन पहले उन्हें बताया गया कि उनके ससुर अरुणसिंह चौहान जो एक किसान हैं वे दहेज के रूप में कार और करीब 6 लाख का सामान देना चाहते हैं, लेकिन राजपाल ने इंकार कर दिया। राजपाल ने कहा कि वे दिव्या को एक जोड़ी कपड़ों में ही अपने घर लेकर आए। राजपाल के इस कदम की लोगों के साथ समाज ने भी सरहाना की।

पत्रिका पर भी संदेश दिया

राजपाल ने बताया कि दिव्या से पांच साल पहले सगाई हो गई थी। 28 अप्रैल 2018 को शादी तय हुई थी। शादी से 15 दिन पहले ससुराल पक्ष ने मेरे सामने कार व गृहस्थी का 6 लाख रुपए का सामान देने के बात कही थी। जिस पर मैंने देहज लेने से इंकार कर दिया। घर वालों ने भी मेरे फैसले का साथ दिया। ससुर का कहना था दिव्या घर में सबसे बड़ी बेटी है, घर में पहली शादी थी, इसलिए बड़ी धूमधाम से बेटी की शादी करना चाहते हैं।

अपनी खुशी से वे बेटी को यह सब देना चाहते थे। लेकिन समाज में संदेश देने के लिए मैंने दहेज का यह सामान लेने से इंकार कर दिया। राजपाल ने बताया कि बकायदा इसके लिए उन्होंने पत्रिका में भी दहेज नहीं लेने का संदेश छपाया था। समाज में सुधार आए इसलिए यह कदम उठाया। पत्नी भी उनके इस कदम से खुश हुई। राजपाल के इस कदम के लिए समाज में उनका सम्मान भी किया गया।

विवाह पत्रिका में लिखाया

मैं राजपालसिंह पंवार दहेज प्रथा को अभिषाप मानता हूं। अत: शपथ पूर्वक यह वचन देता हूं कि दहेज नहीं लूंगा, किसी भी माध्यम से नहीं। इसलिए सभी आदरणीयों से यह प्रार्थना है कि इस दहेज प्रथा को पूर्ण रूप से बंद करें।

दहेज एक कुप्रथा है

भगवान की कृपा से मेरे पास सब कुछ है। दहेज एक कुप्रथा है। इससे कई घर टूट जाते हैं। समाज में संदेश देने के लिए यह फैसला लिया। पत्नी ने इस फैसला का सम्मान किया और खुशी जाहिर की। लोगों को दहेज नहीं लेना चाहिए।

-राजपालसिंह 


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