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Jammu And Kashmir: आतंकियों ने अनंतनाग हमले पर चीनी स्टील बुलेट का किया था इस्तेमाल

भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में मारे गए आतंकी के पास से मिली एसॉल्ट राइफल के अलावा स्टील बुलेट भी मिली हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 10:13 PM (IST)
Jammu And Kashmir: आतंकियों ने अनंतनाग हमले पर चीनी स्टील बुलेट का किया था इस्तेमाल
Jammu And Kashmir: आतंकियों ने अनंतनाग हमले पर चीनी स्टील बुलेट का किया था इस्तेमाल

श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में सक्रिय जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी परंपरागत गोलियों के बजाय चीन में निर्मित स्टील बुलेट का इस्तेमाल करने लगे हैं। क्योंकि यह गोलियां बुलेट प्रूफ जैकेट और बख्तरबंद वाहनों को भेद सकती है। 12 जून को अनंतनाग में सुरक्षाबलों पर हमले में भी आतंकियों की राइफल से स्टील बुलेट ही निकली थी।

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हमले में राज्य पुलिस के एक इंस्पेक्टर अरशद खान के अलावा पांच सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए थे। अनंतनाग हमले की जांच में जुटे एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में मारे गए आतंकी के पास से मिली एसॉल्ट राइफल के अलावा स्टील बुलेट भी मिली हैं। यह पहला मौका नहीं है जब राज्य में आतंकियों ने स्टील बुलेट इस्तेमाल किया हो।

पहले जब इनके इस्तेमाल का पता चला था तो सुरक्षा एजेंसियों ने यह कह कर मामला दबाने का प्रयास किया था कि यह एकाध आतंकी कमांडरों के पास हो सकती है। पहली बार पुलवामा में 27 दिसंबर 2017 को जैश के आतंकियों ने इनका इस्तेमाल जिला पुलिस लाइन और लिथपोरा में सीआरपीएफ कैंप पर हमले के दौरान किया था।

दोनों आत्मघाती हमले थे, जिन्हें जैश ने अंजाम दिया था। इसके बाद शोपियां में दिसंबर 2018 को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने स्टील बुलेट दागी थी। मुठभेड़ में जैश कमांडर नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ पीर बाबा उर्फ नूरा त्राली मारा गया था। पुलवामा में जब आतंकियों ने पहली बार इनका इस्तेमाल किया था तो सुरक्षा एजेंसियां हैरान रह गई थीं। आतंकियों द्वारा दागी स्टील बुलेट सीआरपीएफ के एक अधिकारी की बुलेट प्रूफ जिप्सी में छेद करते हुए भीतर बैठे जवान को जा लगी थी। इससे वह शहीद हो गया था।

राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आतंकियों के पास स्टील बुलेट की मौजूदगी खतरनाक है। आतंकी किसी वीआइपी को निशाना बनाने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे निपटने के लिए महत्वपूर्ण विशिष्टजनों की सुरक्षा व्यवस्था के अलावा अब आतंकरोधी अभियानों के दौरान अपनाई जाने वाली रणनीति में सुधार किया जा रहा है। अलबत्ता, यह पूछे जाने पर कि क्या इंस्पेक्टर अरशद को लगी गोली स्टील बुलेट थी या एके-47 में इस्तेमाल होने वाली सामान्य गोली तो उन्होंने कोई जवाब देने के बजाय कहा कि अभी जांच चल रही है।

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