एनआइए का सनसनीखेज खुलासा, कश्मीरी युवकों की मदद से ऑनलाइन रसायन खरीद रहे आतंकी
जम्मू कश्मीर में जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठन युवकों का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने के लिए रासायनिक सामग्री की ऑनलाइन खरीद के लिए कर रहे हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पाकिस्तान पोषित जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने कश्मीरी युवाओं का आतंकी वरादातों में इस्तेमाल का तरीका बदल लिया है। वे इन युवकों का इस्तेमाल विस्फोटक बनाने के लिए रासायनिक सामग्री की ऑनलाइन खरीद के लिए भी करने लगे हैं। पिछले साल हुए पुलवामा हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने यह सनसनीखेज पर्दाफाश किया है।
जम्मू-कश्मीर में गत वर्ष सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हाल ही में इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें 19 वर्षीय वजीर शामिल है। उसने पूछताछ के दौरान एनआइए को जैश-ए-मुहम्मद के नापाक हरकतों के बारे में बताया। अधिकारियों के अनुसार, 'वजीर ने बताया कि उसने ऑनलाइन एल्यूमिनियम पाउडर, अधिक ऊंचाई वाली जगहों पर इस्तेमाल होने वाले कई जैकेट, मोबाइल बैट्री बैंक और ट्रैकिंग जूते आदि की खरीदारी की थी।'
एल्यूमिनियम पाउडर काफी ज्वलनशील होता है, जिसका इस्तेमाल फोटोग्राफर पहले कैमरे का फ्लैश बनाने के लिए करते थे। इसका इस्तेमाल व्यावसायिक खनन कार्यो के लिए भी किया जाता है। एनआइए के अनुसार, 'वजीर ने एल्यूमिनियम पाउडर को जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों को दे दिया था, जिससे पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा हमला किया गया।' अधिकारियों ने कहा, 'वजीर ने बताया कि जैश के आतंकी घाटी के युवाओं का आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए ब्रेनवॉश कर रहे हैं।'
सभी षड्यंत्रकारियों के मारे जाने के बाद पुलवामा हमले की जांच एक पड़ाव की ओर पहुंचने लगी थी कि इस बीच एनआइए ने उस घर को खोज निकाला जहां आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने अपना आखिरी वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया था। आदिल ने ही सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटक से लदी कार टकराई थी। बाद में उसके वीडियो को पाकिस्तानी आतंकी समूह ने जारी किया था।
एनआइए को 28 फरवरी को उस समय एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई, जब उसने पुलवामा के काकापोरा स्थित हाजीबल निवासी 22 वर्षीय फर्नीचर दुकानदार शाकिर बशीर मागरे को गिरफ्तार किया। शाकिर ने ही आदिल को आश्रय और सामग्री उपलब्ध कराई थी। आदिल से उसकी मुलाकात वर्ष 2018 के मध्य में पाकिस्तानी आतंकी मुहम्मद उमर फारूक ने करवाई थी। अब तक इस मामले में पांच की गिरफ्तारी हो चुकी है।