जम्मू-कश्मीर में दोहरा आतंकी हमला, पुलवामा में 2 जवान शहीद, अनंतनाग में 11 जख्मी
दक्षिण कश्मीर में आज सुबह आतंकियों ने दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दिया है। आतंकियों ने पुलवामा और अनंतनाग में सुरक्षाबलों को अपना निशाना बनाया।
श्रीनगर (जेएनएन)। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आंतकियों ने सुरक्षाबलों को अपना निशाना बनाया है। दक्षिण कश्मीर में आज सुबह आतंकियों ने दो अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दिया है। जानकारी के अनुसार आतंकियों ने पुलवामा में कोर्ट कॉम्प्लेक्स के पास जम्मू-कश्मीर के पुलिस के एक दल पर हमला कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ आतंकियों ने अनंतनाग में भी सीआरपीएफ के एक दल पर ग्रेनेड से हमला किया।
पुलवामा में दो पुलिसकर्मी शहीद
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में मंगलवार की तड़के आतंकियों के हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद और एक अन्य जख्मी हो गया। फिलहाल, आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए सघन तलाशी अभियान चला रखा है। मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों ने आज तड़के पौने चार बजे के करीब पुलवामा जिला मुख्यालय में न्यू कोर्ट कांपलैक्स की सुरक्षा के लिए स्थापित पुलिस चौकी पर हमला किया। यह परिसर टाकिया वागम इलाके में डिग्री कालेज पुलवामा के पास है।
आतंकियों ने पुलिस चौकी पर पहले ग्रेनेड दागे और उसके बाद उन्होंने अंधांधुंध फायरिंग की। इस हमले में चौकी के बाहर संतरी डयूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मी मौके पर ही शहीद हो गए। लेकिन चौकी में मौजूद अन्य जवानों ने अपनी पोजीशन ले जवाबी फायर किया और आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। करीब 20 मिनट तक दोनों तरफ से गोलियां चली और इसके बाद आतंकी वहां से भाग निकले। लेकिन आतंकी जाते हुए शहीद पुलिसकर्मियों की दो एसाल्ट राइफलें भी अपने साथ ले गए। हमले में एक पुलिसकर्मी घायल भी हुआ है।
घायल पुलिसकर्मी को उपचार के लिए एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर में लाया गया है। शहीद पुलिसकर्मियों की पहचान सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल गुलाम रसूल और गुलाम हसन के रुप में हुई है। घायल पुलिसकर्मी का नाम मंजूर अहमद है। एसएसपी पुलवामा मोहम्मद असलम चौधरी ने हमले में दो पुलिसकर्मियों की शहादत और एक अन्य पुलिसकर्म के घायल होने की पुष्टि तो की है। लेकिन उन्होंने आतंकियों द्वारा हथियार ले जाने पर कुछ भी नहीं कहा। एसएसपी ने बताया कि आतंकियों को पकड़ने के लिए पुलवामा के कुछ हिस्सों में घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया गया है। अन्य विवरण प्रतीक्षारत हैं।
अनंतनाग में 11 लोग जख्मी
वहीं दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के ग्रेनेड हमले में 10 सीआरपीएफ कर्मियों समेत 11 लोग जख्मी हो गए। हमले के बाद आतंकी भाग निकले। लेकिन उनके समर्थक हिंसक तत्वों ने विस्फोट के बाद घेराबंदी कर रहे जवानों को रोकने के लिए उन पर कथित तौर पर पथराव भी किया। यहां मिली जानकारी के अनुसार, यह हमला अनंतनाग के गंजीवारा,जंगलात मंडी इलाके में हुआ। बताया जा रहा है कि शब-ए-कदर के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सीआरपीएफ कर्मियों का एक दल जब अपनी डयूटी से हट रहा था तो उसी दौरान वहां से गुजर रहे श्रद्धालुओं की भीड़ में छिपे किसी आतंकी ने ग्रेनेड से हमला किया। ग्रेनेड जवानों के पास गिरा और एक जोरदार धमाके के साथ फट गया। विस्फोट में 11 सीआरपीएफ कर्मी घायल हो गए।
विस्फोट होते ही वहां अफरा-तफरी फैल गई निकटवर्ती चौकियों से भी सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने उसी समय पूरे इलाके को घेर लिया और वहां जख्मी पड़े लोगों को अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में दाखिल कराए गए सीआरपीएफ कर्मियों की पहचान पांडा राम,बूटा सिंह, सुभाष, विजय कुमार, नरवीर सिंह, जीत राम, मनविंदर, रामधन, हरिशंकर और पूर्ण चंद्र के रुप में हुई है। एक अन्य घायल एजाज अहमद पुत्र मोहम्मद रमजान को ग्रेनेड हमले के बाद हुए पथराव में चोट पहुंची है। फिलहाल,किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। अन्य विवरण प्रतीक्षारत हैं।
पांच माह में 71 आतंकी ढेर
अधिकारियों के अनुसार कश्मीर में साल के पहले पांच माह के दौरान 71 आतंकियों व 48 आम नागरिक मारे गए, जबकि 35 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मई में रमजान के दौरान युद्धविराम के चलते अप्रैल की तुलना में मामूली गिरावट आई। अधिकारियों ने बताया कि पांच महीने में मारे गए 48 आम नागरिकों में छह उत्तरी कश्मीर के हाजिन में आतंकियों के हाथों मारे गए, जबकि तीन नागरिक बारामुला में मारे गए हैं। अधिकांश नागरिक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर मारे गए हैं।
एकतरफा संघर्षविराम के बाद आतंकी हिंसा में 30 फीसद की बढ़ोतरी
केंद्र द्वारा शांति बहाली के लिए रमजान माह के दौरान एकतरफा संघर्षविराम किए जाने के बावजूद कश्मीर के भीतरी इलाकों में आतंकी हिंसा में लगभग 30 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान दक्षिण कश्मीर में कम से कम 10 लड़कों ने आतंकी संगठनों का दामन भी थामा है। इनमें एक आइपीएस अधिकारी का भाई भी शामिल है।