वार्ता विफल करने का आतंकी मसूबा ध्वस्त
आखिरकार सचेत सुरक्षा एजेंसियों ने मसूद अजहर के भतीजे रशीद तल्हा समेत जैश के तीन आतंकियों को मार गिराया।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। कश्मीर में जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के भतीजे की मौत से आतंकियों का मनोबल तोड़ने में सफलता मिली है। दरअसल केंद्र की ओर से आइबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किये जाने के बाद ही सीमा पार से इसे विफल करने की तैयारी शुरू हो गई थी। पिछले हफ्ते खुफिया एजेंसियों ने सोमवार से शुरू होने वाली बातचीत के दौरान बड़े आतंकी हमले के प्रति सुरक्षा एजेंसियों को सचेत कर दिया था। आखिरकार सचेत सुरक्षा एजेंसियों ने मसूद अजहर के भतीजे रशीद तल्हा समेत जैश के तीन आतंकियों को मार गिराया।
खुफिया ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आतंकी हमला कर बातचीत की किसी भी पहल को विफल करने की आइएसआइ की पुरानी चाल रही है। इसे भांपते हुए वार्ताकार की नियुक्ति के बाद से ही खुफिया एजेंसियों ने आइएसआइ और उसके इशारे पर चलने वाले आतंकी संगठनों पर नजर रखनी शुरू कर दी। पिछले हफ्ते खुफिया एजेंसियों को पुख्ता जानकारी मिली कि आइएसआइ हाईप्रोफाइल आतंकियों को दिनेश्वर शर्मा के घाटी दौरे के दौरान ही हमला करने के लिए कहा है। इस संबंध में जम्मू-कश्मीर के सभी आला पुलिस अधिकारियों को तत्काल सचेत कर दिया और आतंकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखने को कहा गया। इसी सतर्कता का नतीजा है कि मसूद अजहर के भतीजे को समय रहते मार गिराया गया।
सुरक्षा एजेंसियों की माने तो अजहर मसूद के भतीजे के मारे जाने से जहां एक ओर आतंकियों का मनोबल टूटा है, वहीं बातचीत के सहारे समस्या का हल निकालने के पक्षधर कश्मीरियों के हौसले बुलंद हुए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे दिनेश्वर शर्मा के दौरे को सफल बनाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि अकेले इस साल 179 आतंकियों के मार गिराये जाने से आतंकियों का मनोबल पहले ही कमजोर हो गया था और आतंकी फंडिंग में फंसे अलगाववादी नेता जनता के बीच अपनी साख बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। आतंकियों और अलगाववादियों को हाशिये पर ढकेलने के बाद सरकार वार्ताकार को नियुक्त कर सरकार ने साफ कर दिया कि वह कश्मीर समस्या के स्थायी और दीर्घकालीन हल के लिए प्रतिबद्ध है।
यह भी पढ़ें: कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज़ की टीपू जयंती रोकने की याचिका, जानिए क्या है विवाद