अातंकी फंडिगः NIA की बड़ी कार्रवाई, जम्मू-कश्मीर में कई जगह छापेमारी
एनआइए द्वारा छापेमारी के दौरान हिज्बुल मुजाहिद्दीन और लश्कर ए तैयबा के लेटरहेड बरामद हुए हैं।
नई दिल्ली,एएनआई। जम्मू-कश्मीर में अातंकी फंडिंग के मामले केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज दो जगह छापेमारी की। इसके साथ ही एनआईए की टीम ने देवेंद्र सिंह के जम्मू स्थित आवास पर जाकर उनसे पूछताछ की। एनआईए पिछले कई दिनों से आतंकी फंडिंग के मामले में कई जगह छापेमारी कर चुका है।
#Visuals from Jammu: NIA reached Devinder Singh Behl's residence for questioning him over terror funding case pic.twitter.com/4ulkFJUzlN
— ANI (@ANI_news) July 30, 2017
बता दें कि पाकिस्तानी फंडिंग की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार (24 जुलाई) को कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद फंतोश, पूर्व आतंकी कमांडर फारुक अहमद डार उर्फ बिटटा कराटे और वरिष्ठ अलगाववादी नेता नईम अहमद खान समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
दो करोड़ बरामद हुए थे
दिल्ली कोर्ट की विशेष एनआईए न्यायाधीश पूनम बांबा ने 24 जुलाई को गिरफ्तार किए गए सातों आरोपियों को 10 दिन की एनआईए रिमांड पर सौंप दिया। एनआईए ने कोर्ट से 18 दिन की रिमांड मांगी थी। यह भी बताया कि सातों को जांच के लिए अलग-अलग स्थानों पर ले जाना पड़ सकता है। गिरफ्तारी के दौरान की गई छापेमारी में दो करोड़ रुपए, कुछ किताबें और आतंकी संगठनों के लेटर हेड बरामद हुए हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।
एनआईए ने आतंकी फंडिंग के मामले में 30 मई को कई अलगाववादी नेताओं और हुर्रियत के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद सोमवार (24 जुलाई) को पूर्व आतंकी कमांडर फारुक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे को दिल्ली से, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह गिलानी (हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी का दामाद), अयाज अकबर, पीर सैफुल्लाह, राजा मेहराजुद्दीन, आफताब हिलाली शाह उर्फ शाहिद उल इस्लाम को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था।
जिसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया था। इन सभी पर कश्मीर में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा समेत अन्य संगठनों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अवैध तरीके से फंड एकत्रित कर आतंकियों तक पहुंचाने का आरोप है।
घाटी में दोनों तरफ से होती थी टेरर फंडिंग
एनआइए द्वारा छापेमारी के दौरान हिज्बुल मुजाहिद्दीन और लश्कर ए तैयबा के लेटरहेड बरामद हुए हैं जिससे यह खुलासा होता है कि घाटी में टेरर फंडिंग एक नहीं दोनों ओर से होता रहा है।
आतंकियों के एटीएम हुर्रियत अधिकारी
हुर्रियत अधिकारियों को आतंकवादी अपने एटीएम के तौर पर उपयोग कर रहे हैं। यहां तक कि पैसे के लिए ये अलगाववादियों को धमकी तक देते थे और एनआइए को मिले दस्तावेज से पता चलता है कि समय-समय पर लश्कर और हिज्बुल मुजाहिद्दीन अलगाववादियों को फंड पहुंचाते रहते हैं।
धन के साथ मोबाइल फोन की भी मांग
घाटी में सक्रिय लश्कर और हिज्बुल के स्थानीय कमांडर अपने बीमार साथियों के इलाज और अन्य कारणों से हुर्रियत अलगाववादियों से धन की मांग करते हैं। यहां तक कि हजारों-लाखों रुपये के अलावा मोबाइल फोन की भी मांग होती है। एनआइए ने हुर्रियत के कई सदस्यों को हिरासत में लिया हुआ है, इन पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन से आर्थिक समर्थन हासिल कर तनाव फैलाने का आरोप है।
हिज्बुल के लेटरहेड वाला धमकी भरा खत
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, मोहम्मद अमीन भट्ट द्वारा लिखे गए पत्र में तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के करीबी अयान अकबर खांडे से 5 लाख रुपयों की मांग की। जम्मू-कश्मीर हिज्बुल मुजाहिद्दीन के लेटरहेड पर लिखी इस चिट्ठी में लिखा था, 'नोटबंदी के कारण आर्थिक संकट के हालातों से निपटने के लिए तुरंत 5 लाख रुपयों की जरूरत है।' पत्र के अंत में धमकी भी दी गयी है जिसमें खांडे को कहा गया है कि 4 दिनों के अंदर पैसे भेज दें नहीं तो अंजाम के लिए तैयार रहें, जो परिवार तक जा सकता है। खांडे उन 7 अलगाववादियों में से एक है, जिन्हें सोमवार को एनआइए ने गिरफ्तार किया।
पैसे के लिए धमकी भरा खत
नोटबंदी के बाद उर्दू में लिखे गए खत में भी कुछ ऐसी ही बातें लिखी थीं। हिज्बुल के लेटरहेट वाले इस खत में लिखा था, 'हमें इस समय पैसों की सख्त जरूरत है क्योंकि सुरक्षा और नोटबंदी के कारणों से हमें बाहर से पैसे नहीं मिल रहे। 30 फरवरी को आपके पैसे लौटा दिए जाएंगे। इंशाअल्लाह हम 4 दिनों तक आपका इंतजार करेंगे। अगर आप कुछ नहीं करते तो अपने और अपने परिवार के अंजाम के आप खुद जिम्मेदार होंगे।'
मोबाइल फोन की भी मांग
NIA को एक और चिट्ठी मिली, जो हिज्बुल के लेटरहेड पर 17 मार्च, 2006 को शब्बीर शाह के सहायक नईम खान को लिखी गई थी। इस चिट्ठी के जरिए 7 से 10 हजार रुपये और एक मोबाइल फोन की मांग की गई थी।
लश्कर का भी खत बरामद
लश्कर ए तैयबा के कश्मीर यूनिट ने हुर्रियत सदस्यों को खत में लिखा, ‘ हमारा दोस्त बीमार है और इसलिए 5,000 रुपयों की जरूरत है। उम्मीद है आप हमें निराश नहीं करेंगे। यह खत हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता शाहिद-उल-इस्लाम के पास से बरामद हुआ। यह लश्कर ए तैयबा के लेटरहेड के साथ है जिसमें मुजफ्फराबाद ब्रांच ऑफिस का पता और एक मोबाइल नंबर के साथ इमेल आइडी भी दिया गया है। एनआइए के इस छापेमारी में एक फोटो भी बरामद हुआ जिसमें हिज्बुल चीफ सैयद सलाहुद्दिन के साथ शाहिदुल इस्लाम को देखा जा सकता है।
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