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बेंगलुरु में चल रहा था अंतरराष्ट्रीय को लोकल काल में तब्दील करने का खेल, बेंगलुरु एटीसी ने गैंग का पर्दाफाश किया

गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज संचालन की जांच कर रही बेंगलुरु पुलिस की आतंकरोधी इकाई (एटीसी) ने मिलिट्री इंटेलीजेंस के साथ मिलकर अभी तक 109 सिम बाक्स उपकरणों को उजागर किया है जिनमें तीन हजार सिम का‌र्ड्स लगाए गए थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 07:58 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 10:08 PM (IST)
गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज संचालन की जांच कर रही एटीसी ने 109 सिम बाक्स उपकरणों को उजागर किया है।

बेंगलुरु, पीटीआइ। गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज संचालन की जांच कर रही बेंगलुरु पुलिस की आतंकरोधी इकाई (एटीसी) ने मिलिट्री इंटेलीजेंस के साथ मिलकर अभी तक 109 सिम बाक्स उपकरणों को उजागर किया है जिनमें तीन हजार सिम का‌र्ड्स का इस्तेमाल किया जा रहा था। इनके जरिये वाइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकाल (वीओआइपी) का इस्तेमाल करके अंतरराष्ट्रीय फोन काल को लोकल फोन काल में तब्दील किया जाता था। इससे दूरसंचार विभाग को वित्तीय नुकसान तो होता ही था, साथ ही देश की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती थी।

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पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि चूंकि अधिकांश काल पश्चिम एशिया से होती थीं, इसलिए भुगतान भी वहीं किया जाता था। यह पैसा हवाला के जरिये यहां लाया जाता था। दरअसल, बेंगलुरु पुलिस ने पहले कहा था कि उसने छह अवैध टेलीफोन एक्सचेंजों को उजागर किया है जिनमें 30 सिम बाक्स में 960 सिम कार्डो का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन अब उसने सिम बाक्स और सिम कार्डो की संख्या को अपडेट कर दिया है।

शहर में विभिन्न स्थानों पर सिम बाक्स लगाने के लिए इब्राहिम पुलट्टी और गौतम विश्वनाथन को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, हाल में गिरफ्तार किए गए लोगों में केरल में मलप्पुरम निवासी 51 वर्षीय मुहम्मद बशीर और 30 वर्षीय अनीस अत्थिमन्नील, तमिलनाडु में थूथुकुडी निवासी 29 वर्षीय संथन कुमार, 32 वर्षीय सुरेश थंगावेलु व 30 वर्षीय जय गणेश भी शामिल हैं।

वे मलप्पुरम निवासी मुख्य साजिशकर्ता इब्राहिम और तमिलनाडु निवासी टेलीफोन एक्सचेंज आपरेटर गौतम द्वारा संचालित गैंग का हिस्सा थे। पुलिस ने बताया, 'इस गैंग ने तीन हजार सिम कार्ड की क्षमता वाले 109 सिम बाक्स छह स्थानों पर लगाए थे। टेलीकाम विभाग को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उन्होंने देश की सुरक्षा को भी खतरे में डाला।'

पुलिस के अनुसार, संथन कुमार एक मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी में सेल्स एक्जीक्यूटिव था जो सुरेश और जय गणेश के जरिये सिम कार्ड भेजा करता था। नए सिम कार्ड लेने के लिए संपर्क करने वाले लोगों के नाम पर वह सिम कार्ड एकत्रित किया करता था। इसके लिए वह धोखे से उनके फिंगरप्रिंट ले लेता था और अपने साथियों के जरिये सिम को बेंगलुरु भेज देता था। पुलिस ने गैंग के अन्य सदस्य उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल निवासी हवाला कारोबारी का विवरण नहीं दिया।


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