कंसास शूटिंग का असर, यूएस में बसे भारतीय अंग्रेजी में ही करें बात
तेलंगाना एसोसिएशन आॅफ एनआरआई ने यूएस में बसे भारतीयों से अपील की है कि वह अमेरिका में किसी भी सार्वजनिक स्थल पर अपनी मातृभाषा में बात न करें।
नई दिल्ली/वाशिंगटन (जेएनएन)। अमेरिका के कंसास में हुई भारतीय इंजीनियर की हत्या के बाद वहां बसे तेलंगाना के भारतीयों ने तेलंगाना एसोसिएशन आॅफ एनआरआई के तहत सभी लोगों से अपील की है कि वह अमेरिका में कहीं भी सार्वजनिक जगहों पर अपनी मातृभाषा में बात न करें। एसोसिएशन के फेसबुक पेज पर की गई इस अपील में कहा गया है कि सभी भारतीय ऐसाी जगहों पर इंग्लिश में ही बात करना सुनिश्चित करें। कंसास में हुई भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की हत्या के बाद तेलंगाना एसोसिएशन ने यह अपील जारी की है।
इस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्उ ट्रंप ने भी पहली बार इस हत्या की निंदा करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा। अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए पहली बार उन्होंने इस मामले का जिक्र किया। इस मामले में मौन रहने को लेकर अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन ने भी ट्रंप की कड़ी आलोचना की थी। उनका कहना था कि इस मामले में उन्हें चुप्पी तोड़कर मामले की निंदा करने के लिए किसी के कहने की जरूरत नहीं होनी चाहिए थी।
श्रीनिवास की हत्या को लेकर बीते दिनों अमेरिका के नामी अखबार ने भी ट्रंप की नीतियों की आलोचना की थी। न्यूयार्क टाइम्स ने अपने संपादकीय में यहां तक कहा था कि कंसास में एक भारतीय की गोली मार कर हत्या किए जाने के मामले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चुप्पी ने अमेरिका में घृणा अपराध को भड़काने का काम किया है। अखबार ने साथ ही चेतावनी दी थी कि उनकी खामोशी देश की ताकत और जीवंतता को नुकसान पहुंचाएगी। अखबार के संपादकीय में ‘हू बिलॉग्स इन ट्रंप्स अमेरिका‘ में लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन ने न केवल प्रवासियों और विदेशी आगंतुकों को देश से बाहर रखने का प्रयास किया बल्कि उन्होंने उन्हें अपराधी, संभावित आतंकवादी और घुसपैठिए करार दे कर किया है जो कि नौकरियां छीनने और अमेरिकियों की जान पर खतरा बन कर आए हैं।
संपादकीय में कहा गया था कि घृणा की निंदा करने की बजाय राष्ट्रपति ने उसे भड़काया है। उन्होंने कंसास गोलीबारी पर कुछ नहीं कहा है। संपादकीय में आगे कहा गया है कि घृणा की प्रत्येक घटना को बहुत आसानी से विक्षुब्द व्यक्ति का कार्य करार दिया जाता है। लेकिन अगर यही कार्य किसी मुसलमान अथवा प्रवासी ने किया होता तो ट्रंप ने यकीनन यह दावा किया होता कि वह सही थे। संपादकीय में आगे कहा गया है कि अगर ट्रंप कुछ नहीं करते तो वह घृणा अपराध के अपराधियों को सक्षम करते हैं और वह देश की ताकत और जीवंतता को नुकसान पहुंचाएंगे।
51 वर्षीय अमेरिकी पूर्व नौसैन्य कर्मी एडम पुरिंटन ने भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला (32) की गोली मारकर हत्या कर दी और 32 वर्षीय आलोक मदसानी को घायल कर दिया। एडम ने नस्लीय टिप्पणी करते हुए कहा ‘मेरे देश से बाहर निकल जाओ।’
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