तेलंगाना में बढ़ता जा रहा सरकार और RTC में विवाद, कर्मियों ने काम पर लौटने से किया इनकार
तेलंगाना में पिछले महीने से रोडवेज कर्मियों की हड़ताल जारी है। TSRTC के अध्यक्ष ने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानती तब तक कोई भी कर्मी काम पर वापस नहीं लौटेगा।
हैदराबाद, एएनआइ। तेलंगाना में पिछले कई महीनों से रोडवेज कर्मियों की हड़ताल जारी है। तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (TSRTC) संयुक्त कार्रवाई समिति के अध्यक्ष ए रेड्डी ने कहा कि RTC यूनियनों ने वापस सेवाओं में शामिल होने के लिए CM के आह्वान का बहिष्कार करने का फैसला किया है। RTC कर्मचारी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं और जब तक सरकार हमारी मांगों पर हमारे साथ विचार-विमर्श नहीं करती तब तक हम काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
कर्मचारियों को काम पर लौटने का आदेश
दरअसल, तेलंगाना सरकार ने हड़ताल कर रहे आरटीसी की हड़ताल कर रहे राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए पांच नवंबर तक का वक्त दिया था। जिसकी समय सीमा रात 12 बजे तक थी। इससे पहले शुरुआत में राज्य सड़क परिवहन निगम के 48 हजार हड़ताल कर रहे कर्मियों को राज्य के मुख्यमंत्री के चेंद्रशेखर राव ने बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद से ही कर्मचारियों में काफी गुस्सा बढ़ गया।
मार्गों को निजीकरण
मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी के 5,100 मार्गों पर निजीकरण करने का एलान करते हुए कर्मचारियों से पांच नवंबर की आधी रात तक काम पर लौटने के लिए कहा था। साथ ही ये भी कहा था कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो बाकी बचे 5000 मार्गों का भी निजीकरण कर देंगे।
कई कर्मचारियों ने की आत्महत्या
इसी के बाद से कई टीएसआरटीसी के ड्राइवर और केंडक्टर खुदखुशी जैसे घातक कदम उठा रहे हैं। 1 टीएसआरटीसी से बर्खास्त हुए तीन कर्मी 4 अक्टूबर तक आत्महत्या कर चुके हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव द्वारा बर्खास्त किए जाने के बाद से टीएसआरटीसी के कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है।
हाल ही में 28 अक्टूबर को एक महिला कर्मचारी ने खुदखुशी कर ली थी। महिला ने अपना घर में खुद को फांसी लगाकर खुदकशी की थी। महिला खम्मम इलाके की रहने वाली थी। इससे पहले 2 और कर्मयाचिरों ने खम्मम इलाके में ही आत्महत्या की थी।