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11 साल पहले किया था तहलका ने स्टिंग

वेबसाइट तहलका डॉट काम ने रक्षा सौदों में धांधली का पता लगाने के लिए 11 साल पहले एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। उसे 'ऑपरेशन वेस्ट एंड' नाम दिया गया था। इसके तहत ब्रिटेन की वेस्ट एंड इंटरनेशनल नाम की फर्जी कंपनी बनाई गई जो सैन्य सामानों की आपूर्ति करती थी

By Edited By: Updated: Sat, 28 Apr 2012 03:48 PM (IST)
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नई दिल्ली। वेबसाइट तहलका डॉट काम ने रक्षा सौदों में धांधली का पता लगाने के लिए 11 साल पहले एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। उसे 'ऑपरेशन वेस्ट एंड' नाम दिया गया था। इसके तहत ब्रिटेन की वेस्ट एंड इंटरनेशनल नाम की फर्जी कंपनी बनाई गई जो सैन्य सामानों की आपूर्ति करती थी

-तहलका का एक पत्रकार वेस्ट एंड इंटरनेशनल का प्रतिनिधि बनकर तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण के पास पहुंचा। उसने 23 दिसंबर, 2000 से सात जनवरी, 2001 के बीच उनसे आठ बार मुलाकात की।

-इस दौरान उसने अपनी कंपनी के सामान को सेना में सप्लाई कराने के एवज में लक्ष्मण को उनके ऑफिस में एक लाख रुपये की रिश्वत दी। इस पूरे घटनाक्रम की सीडी बनाई गई।

-13 मार्च, 2001 को तहलका द्वारा सीडी सार्वजनिक करने के बाद राजनीति में भूचाल आ गया। बंगारू लक्ष्मण को भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा।

2001 में राजग सरकार ने इसकी जांच के लिए वेंकटस्वामी आयोग बनाया।

जनवरी 2003 में जस्टिस के वेंकटस्वामी ने आयोग से इस्तीफा दे दिया।

मार्च 2003 में जस्टिस एसएन फूकन आयोग बना। इस आयोग ने पहली रिपोर्ट में जॉर्ज फर्नाडिस को क्लीन चिट दी, लेकिन आयोग की अंतिम रिपोर्ट के पहले ही 2004 में संप्रग सरकार ने फूंकन आयोग का काम सीबीआइ को सौंप दिया।

-केंद्र सरकार के कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त सचिव की शिकायत पर 6 जनवरी, 2004 को एफआइआर दर्ज।

-18 जुलाई, 2006 को चार्जशीट दायर।

-2 मई, 2011 को आरोप तय हुआ।

-सरकारी गवाह बनने के बाद बंगारू के पूर्व निजी सचिव टी सत्यमूर्ति को कोर्ट ने बरी किया।

-2 अप्रैल, 2012 को सुनवाई पूरी।

-27 अप्रैल, 2012 बंगारू लक्ष्मण दोषी करार

-28 अप्रैल बंगारू लक्ष्मण को 4 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना

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