टाटा-सिया 'विस्तारा' की उड़ानें अक्टूबर से
टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त उद्यम टाटा-सिया एयरलाइंस ने सोमवार को अपने ब्रांड नाम 'विस्तारा' और इसके लोगो के अनावरण के साथ अक्टूबर से उड़ानें शुरू करने के संकेत दिए। एयरलाइन 'अतिथि देवो भव:' की भारतीय परंपरा के साथ यात्रियों को हवाई यात्रा के सर्वथा नवीन अनुभव का अहसास कराएगी।
नई दिल्ली। टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त उद्यम टाटा-सिया एयरलाइंस ने सोमवार को अपने ब्रांड नाम 'विस्तारा' और इसके लोगो के अनावरण के साथ अक्टूबर से उड़ानें शुरू करने के संकेत दिए। एयरलाइन 'अतिथि देवो भव:' की भारतीय परंपरा के साथ यात्रियों को हवाई यात्रा के सर्वथा नवीन अनुभव का अहसास कराएगी।
अनावरण समारोह के उपरांत टाटा-सिया के चेयरमैन प्रसाद मेनन, टाटा संस की ओर से निदेशक डॉ. मुकुंद राजन और सिंगापुर एयरलाइंस की ओर से निदेशक स्वी वाह माक की मौजूदगी में सीईओ फी तीक योह ने बताया कि एयर ऑपरेशन परमिट प्राप्त करने के लिए एयरलाइन विमानन नियामक डीजीसीए के सतत संपर्क में है। सब ठीक रहा तो सितंबर अंत तक परमिट, जबकि अक्टूबर से उड़ानें संभव होंगी। उन्होंने कहा कि 'विस्तारा' नाम संस्कृत शब्द विस्तार से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'सीमा रहित फैलाव'। इसी प्रकार एयरलाइन का आठ कोण वाले पुष्पवत सितारे का लोगो भी 'तंत्र' से प्रभावित है और ब्रह्मांडीय ऊर्जा के सतत विस्तार को दर्शाता है।
विमानों के बारे में योह का कहना था कि सितंबर में पहला एयरबस ए-320 विमान हासिल होने के साथ वर्ष के अंत तक इस श्रेणी के पांच विमान प्राप्त होने की आशा है। एयरलाइन ने पांच साल में कुल 20 विमान लीज पर लेने का निर्णय किया है। इनमें से सात आधुनिकतम नियो सीरीज के ए-320 विमान होंगे।
रूटों के बारे में योह ने कहा कि रूट चयन पर काम चल रहा है। इन्हें शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें फुल सर्विस एयरलाइन की मांग वाले सभी शहर समेटे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक एयरलाइन दिल्ली, मुंबई, बेंगलूर, हैदराबाद और अहमदाबाद से शुरुआत कर साल भर में 11 भारतीय नगरों के लिए 87 साप्ताहिक उड़ानें संचालित कर सकती है। इनमें गोवा, जम्मू, श्रीनगर, पटना और चंडीगढ़ भी शामिल होंगे।
किरायों के बारे में सवालों को योह यह कहकर टाल गए कि फुल सर्विस का मतलब केवल बढि़या खाना देना नहीं है। मकसद ग्राहकों की उम्मीदों एवं आकांक्षाओं को पूरा करना है। एविएशन रूल 5-20 के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार काफी सकारात्मक है। उम्मीद है कि इस गैर जरूरी नियम को जल्द समाप्त किया जाएगा। मालूम हो कि 5-20 नियम के तहत नई एयरलाइनों पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए पांच साल तक घरेलू उड़ानों तथा 20 विमानों की बाध्यता है। टाटा-सिया और एयर एशिया इंडिया ने इस नियम को हास्यास्पद और भारतीय उड्डयन उद्योग के विकास में बाधक बताया है।
दस करोड़ डॉलर के कुल प्रस्तावित निवेश वाली टाटा-सिया एयरलाइंस में टाटा की 51 फीसद और सिंगापुर एयरलाइंस की 49 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी होगी।