Move to Jagran APP

Tamil Nadu: जोरों-शोरों से चल रही त्योहार जल्लीकट्टू की तैयारियां, जनवरी में होगा ये खेल शुरू

Jallikattu जल्लीकट्टू का अभ्यास तमिलनाडु में पोंगल उत्सव के एक भाग के रूप में किया जाता है जो आमतौर पर जनवरी में होता है। बता दें कि पहले जल्लीकट्टू को केवल पुरुषों के लिए एक वीरतापूर्ण खेल के रूप में माना जाता था।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashPublished: Sat, 31 Dec 2022 01:07 PM (IST)Updated: Sat, 31 Dec 2022 01:07 PM (IST)
Tamil Nadu: जोरों-शोरों से चल रही त्योहार जल्लीकट्टू की तैयारियां, जनवरी में होगा ये खेल शुरू
Tamil Nadu: जोरों-शोरों से चल रही त्योहार जल्लीकट्टू की तैयारियां, जनवरी में होगा ये खेल शुरू

मदुरै, एजेंसी। दक्षिण भारत का एक खास त्योहार जल्लीकट्टू की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है। बता दें कि जल्लीकट्टूट, राज्य में जानवरों को वश में करने वाला प्रसिद्ध खेल है। इस खेल को लेकर जल्लीकट्टू पेरावई-तमिलनाडु के अध्यक्ष पी राजशेखरन के खेत में काम भी चालू हैं। 'सेरियाडिक्कुथु', यह एक तमिल शब्द है, जो बैल की गई तेज आवाज को दर्शाता है। शहरी इलाकों में लोगों के लिए यह शब्द काफी हद तक अज्ञात है।

loksabha election banner

सेरियाडिक्कुथु यानी लड़ाई के लिए तैयार बैल का संकेत

सांड की तेज दहाड़ यानी सेरियाडिक्कुथु ध्वनि पहला संकेत है कि वह लड़ाई के लिए तैयार है। साल 2006-07 से ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जल्लीकट्टू से जुड़े मामले न्यायनिर्णय के लिए अदालतों में पहुंचने लगे थे। राजशेखरन एक पक्ष बन गए और उन्होंने खुद को हर उस मामले का पक्षकार बना लिया, जो इस वार्षिक आयोजन से संबंधित था।

वह कहते हैं 'देशी नस्लों को बचाने के लिए जल्लीकट्टू अहम है।' लोग बैल के बछड़ों को बूचड़खानों में बेच देते थे। वे कहते हैं कि कठिन कानूनी लड़ाई ने लोगों को देशी नस्लों के महत्व को और भी बेहतर समझा है। आज, बैल बछड़ों और बैल की मांग उत्कृष्ट है। एक बैल की कीमत 5 लाख रुपए से भी ज्यादा हो सकती है। लिहाजा, यह कहने की जरूरत नहीं है कि किसान को इससे अत्यधिक लाभ होता है।

New Year 2023: कुछ ही घंटों में होगा नए साल का आगाज, जानें कौन सा देश पहले और कौन आखिर में करेगा स्वागत

जनवरी में खेला जाएगा जल्लीकट्टू

जल्लीकट्टू का अभ्यास तमिलनाडु में पोंगल उत्सव के एक भाग के रूप में किया जाता है, जो आमतौर पर जनवरी में होता है। बता दें कि पहले जल्लीकट्टू को केवल पुरुषों के लिए एक वीरतापूर्ण खेल के रूप में माना जाता था। जल्लीकट्टू तमिलनाडु में एक मजबूत खेल के रूप में मनाया जाता है। हालांकि यह सालों से इस बहस में उलझा हुआ है कि इसे जारी रखा जाना चाहिए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने सांडों को काबू करने के खेल 'जल्लीकट्टू' और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकार के कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

Bhagalpur Mayor: जीत के बाद भाजपा कार्यालय पहुंच बोलीं वसुंधरा लाल- इतराना नहीं है, अपेक्षाओं पर खरा उतरना है

Pilibhit News: बेटे के स‍िर पर सवार हुआ खून, वृद्ध मां के स‍िर पर तेज धार हथ‍ियार से क‍िए कई वार, तड़पकर मौत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.