बोरवेल में फंसा बच्चा, तमिलनाडु के मंत्री विजयभास्कर बोले- आखिरी चरण में है रेस्क्यू ऑपरेशन
बीते दो दिनों से 2 साल के बच्चे सुजीत विल्सन को बचाने का काम चल रहा है। तमिलनाडु के मंत्री सी. विजयभास्कर का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी चरण में है।
मदुरै, एएनआइ। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के नादुकट्टुपट्टी में 25 फुट गहरे बोरवेल में गिरे बच्चे को निकालने के लिए 2 दिन बाद भी प्रयास जारी हैं। ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है। सुजीत विल्सन नाम का बच्चा 25 अक्टूबर को बोरवेल में गिरा था और तभी से इसे बचाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। तमिलनाडु के मंत्री सी. विजयभास्कर का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी चरण में है। ड्रिलिंग के दौरान चट्टान बीच में आने से कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा। सुजीत को बचाने के लिए पूरी शिद्दत से कोशिश जारी है। इस बीच रेवेन्यू डिपार्टमेंट के कमिश्नर ने बताया कि नादुकट्टुपट्टी में बोरवेल के पास 40 फीट गहरा गड्ढा बनाया गया है, जहां 2 साल का बच्चा गिरा था। बच्चे को रेस्क्यू करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। हालांकि, अब बच्चे के बचने के आसार काफी कम नजर आ रहे हैं। दिवाली की रात भी हजारों लोग बच्चे की सलामती की दुआ मांगते रहे। उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम पूरे ऑपरेशन पर कड़ी नजर रखे हुए हैं, बीती रात वह घटनास्थल पर भी पहुंचे और परिवार के लोगों को दुख बांटा।
बच्चे को बोरवेल में गिरे लगभग 52 घंटे से अधिक समय बीत चुका है। 2 वर्षीय सुजीत शुक्रवार शाम करीम 5:30 बजे बोरवल में गिर गया था। पहले जानकारी मिली थी कि रात होते-होते बच्चा और नीचे पहुंच गया और लगभग 70 फीट पर जाकर फंस गया। बताया जा रहा है कि वर्तमान में बच्चा करीब 100 फीट की गहराई में फंसा हुआ है। बच्चे के बचाव कार्य के लिए बोरिंग मशीन को बुलाया गया। अधिकारियों ने बताया कि NDRF की 6 टीम मौके पर बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। हर कोई दुआ कर रहा है कि जल्द से जल्द ड्रिल कर बच्चे को बाहर निकाल लिया जाए। इधर, बच्चे के घरवालों को भी रो-रो कर बुरा हाल है।
बचाव कार्य में जुटे लोगों ने बताया कि शनिवार को पहले बच्चे के रोने की आवाज सुनाई पड़ रहीं थी, लेकिन अब आवाज नहीं आ रही है। हालांकि, बच्चे को लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजय भास्कर ने एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान बताया था कि बच्चे को लगातार बोरवल में आक्सीजन सप्लाई की जा रही है, ताकि अंदर सांस लेने में कोई परेशानी न हो। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है, जब इतने गहरे बोरवेल में फंसने के बाद बच्चे की जान बच जाए। हालांकि, अभी बचाव कार्य में जुटे लोगों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। संभावना यही जताई जा रही है कि सुजीत अभी तक बोरवेल के अंदर सुरक्षित और जीवित होंगे।