जी-20 सम्मेलन को सफल बनाने के लिए PM Modi के स्तर पर कोशिश संभव, शीर्ष नेताओं के बीच हो रही बातचीत
सितंबर 2023 में जी-20 के नेताओं की शिखर सम्मेलन में आम सहमति बनाने की चुनौती को दूर करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को आगे आना पड़ सकता है। अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी जब दक्षिण अफ्रीका ब्राजील चीन और रूस के राष्ट्रपतियों से मुलाकात करेंगे तो जी-20 में आम सहमति से साझा घोषणा पत्र जारी करना एक प्रमुख एजेंडा होगा।
जयप्रकाश रंजन, हंपी (कर्नाटक)। सितंबर, 2023 में जी-20 के नेताओं की शिखर सम्मेलन में आम सहमति बनाने की चुनौती को दूर करने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी को आगे आना पड़ सकता है। यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर जिस तरह से जी-20 देशों के बीच खाई बढ़ती जा रही है उसके पाटे जाने की कोशिश तो जारी है लेकिन कई देशों के कूटनीतिक सर्किल के लोग इसकी सफलता को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि कुछ देशों के शीर्ष नेताओं को मनाने के लिए पीएम मोदी को पहल करनी पड़ेगी।
अगले माह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी
अगले महीने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मोदी जब दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, चीन और रूस के राष्ट्रपतियों से मुलाकात करेंगे तो जी-20 में आम सहमति से साझा घोषणा पत्र जारी करना एक प्रमुख एजेंडा होगा। हंपी में जी-20 देशों के शेरपाओं की तीन दिवसीय बैठक में शामिल कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि शीर्ष नेताओं के शिखर सम्मेलन में साझा बयान जारी हो सकेगा। अगर कुछ अलग से मदद की जरूरत पड़ी तो उच्च स्तर पर कोशिश करनी पड़ सकती है।
पीएम मोदी ने कुछ देशों के नेताओं के साथ की बातचीत
सूत्रों का कहना है कि “हाल के दिनों में पीएम मोदी की कुछ देशों के नेताओं से जो बातचीत हुई है उसमें जी-20 बहुत ही अहम मुद्दा रहा है। एक दिन पहले पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रो के साथ ही बातचीत में भी जी-20 को सफल बनाने का मुद्दा रहा है। भारत एक मात्र ऐसा देश है जो इस समूह के अधिकांश देशों के साथ बेहतर संबंध रखता है और लगातार बात कर रहा है। हर पक्ष चाहता है कि भारत की अध्यक्षता में हो रहा यह बैठक सफल हो।''
पीएम मोदी से हस्तक्षेप की उम्मीद
इस आधार पर भारतीय पक्ष उम्मीद कर रहा है कि जो थोड़ी बहुत दूसरे देशों की चिंताएं हैं उसे पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद खत्म किया जा सकता है। भारत के जी-20 में शेरपा अमिताभ कांत ने बताया कि शेरपाओं की तीसरी बैठक बहुत ही सफल रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 बैठक का जो एजेंडा तय किया था उसी के मुताबिक काम हो रहा है।
महत्वाकांक्षी एजेंडे को किया जा रहा
शेरपाओं के बीच सितंबर, 2023 में जारी होने वाले घोषणापत्र के सारे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हो गई है। दूसरे देश यह स्वीकार कर रहे हैं कि जी-20 के गठन के बाद पहली बार इस समूह के लिए इतनी महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार किया जा रहा है।
भारत के लिए प्राथमिकता नहीं है रूस-यूक्रेन वार
यूक्रेन रूस विवाद पर सदस्य देशों के बीच सहमति नहीं बनने के सवाल पर कांत ने साफ कहा कि यह बतौर अध्यक्ष भारत के लिए प्राथमिकता नहीं है। यह विकसित देशों की प्राथमिकता हो सकती है लेकिन विकासशील देशों के प्रतिनिधि होने के नाते भारत के लिए आर्थिक विकास की गति को तेज करना, विकास को लेकर उपजी चुनौतियों को दूर करना, डिजिटल इंफ्रांस्ट्रक्चर को तैयार करने को लेकर एक वैश्विक रोडमैप बनाने जैसे मुद्दे ज्यादा जरूरी है। इन सभी मुद्दों पर सहमति है और इसका पूरी दुनिया पर लंबे समय तक सकारात्मक असर होगा।