Move to Jagran APP

लॉकडाउन के दौरान Blood Pressure और Diabetes के मरीज रखें खास ख्याल, पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह

डॉ. गौरव खंडेलवाल ने बताया कि सिर में दर्द सांस फूलना व चक्कर आने की तकलीफ लगे तो यह बीपी बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में फौरन बीपी चेक करें।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 01:25 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 04:01 PM (IST)
लॉकडाउन के दौरान Blood Pressure और Diabetes के मरीज रखें खास ख्याल, पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह
लॉकडाउन के दौरान Blood Pressure और Diabetes के मरीज रखें खास ख्याल, पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह

नई दिल्ली, जेएनएन। लॉकडाउन के चलते उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) व दिल की अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों की दिक्कतें कुछ हद तक बढ़ गई हैं। दरअसल, उन्हें हमेशा नियमित अंतराल पर हृदय रोग विशेषज्ञों की सलाह लेनी होती है और ईसीजी, ईको आदि जांचें करानी होती हैं। फिलहाल आने-जाने पर रोक के चलते वे डॉक्टरों से सलाह नहीं ले पा रहे हैं।

loksabha election banner

कुछ लोगों को कोरोना से संक्रमित होने का डर भी सता रहा है। ऐसे में घबराने की बजाय घर में ही बीपी उपकरण व ग्लूकोमीटर से जांच करना बेहतर है। अस्पताल जाने से बचें, क्योंकि वहां भी कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है। हां, सीने में दर्द, बेचैनी, घबराहट, चक्कर आने जैसी दिक्कतें हों तो फौरन अस्पताल पहुंचें। ऐसे मरीजों के लिए अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं।

परेशानी से बेहतर है खळ्द की देखभाल: लॉकडाउन के कारण बीपी, हृदय रोग संबंधी अन्य बीमारियों, शुगर, अस्थमा के मरीज आसानी से चिकित्सकों से मुलाकात व उनकी सलाह नहीं ले पा रहे हैं। इस दौरान डॉक्टर भी सिर्फ इमरजेंसी केस ही देख पा रहे हैं। यह जरूरी भी है, क्योंकि अस्पताल व स्वास्थ्यकर्मी संक्रमण के वाहक बन सकते हैं। मरीजों को इमरजेंसी इलाज तो मिल रहा है पर एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी व दिल की नॉन-इमरजेंसी सर्जरी के लिए उन्हें इंतजार भी करना पड़ रहा है। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने पर बड़े निजी और सरकारी अस्पतालों में अधिकतर बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं।

हार्ट अटैक, लकवा, हार्ट फेल होना, एक्सीडेंट आदि में तो मरीजों को पहले की तरह इमरजेंसी इलाज मिल रहा है, पर छोटी-मोटी तकलीफ जैसे बीपी बढ़ना, घबराहट, बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द, पैरालाइज आदि की तकलीफ के लिए मरीजों को जरूर परेशान होना पड़ रहा है। इसे लेकर कुछ मरीज चिंतित भी हो रहे हैं। हालांकि परेशान होने के बजाय खुद देखभाल करना फायदेमंद हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर व दिल की अन्य बीमारियों के मरीज घर पर रहकर भी योग-व्यायाम बंद न करें। दूसरी बात यह कि नियमित तौर पर बीपी की जांच करते रहें। दवाएं बिल्कुल बंद न करें और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा बदलें भी नहीं। जरूरत हो तो फोन पर ही अपने चिकित्सक से सलाह लें। यह लेख इसमें आपकी सहायता कर सकता है। 

समस्या बढ़े तो पहुंचें अस्पताल: ज्यादा सांस फूलना, सीने में दर्द, भारीपन, घबराहट व बेहोशी हो तो यह हृदय की गंभीर समस्या के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में लॉकडाउन होने पर भी अस्पताल पहुंचने में देरी न करें। इस बात का पूरा ख्याल रखें कि कोई भी अस्पताल इस तरह की तकलीफ में इलाज से मना नहीं कर सकता।

क्या करना है जरूरी

  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खाने में अंकुरित अनाज, विटामिन सी के लिए नीबू, संतरा आदि लें
  • छोटी-मोटी तकलीफ होने पर डॉक्टर के पास न जाएं। संभव हो तो अपने चिकित्सक से टेलीफोन पर सलाह लें
  • सिर में दर्द, सांस फूलना व चक्कर आने की तकलीफ लगे, तो यह बीपी बढ़ने के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में फौरन बीपी चेक करें

क्या न करें

  • किसी के सुझाव पर किसी नई पैथी से स्वयं उपचार शुरू करने के बजाय किसी भी समस्या पर फैमिली फिजीशियन से बात करें
  • बीपी के मरीज कोरोना संक्रमित होने पर ज्यादा गंभीर हो जाते हैं, इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है
  • धूमपान व शराब छोड़ने का लॉकडाउन अच्छा मौका है। दुकानें बंद हैं। लोग घरों में बंद हैं और परिवार के साथ हैं। किसी भी नशे को तौबा करने का बेहतर मौका है
  • एक्सरसाइज करने के लिए घर में सीढ़ियों का इस्तेमाल कर कई बार ऊपर-नीचे जाने में करें, यह एक अच्छा व्यायाम है। 15 मिनट कूदें या डांस करें तो भी सेहत के लिए ठीक रहेगा। लॉकडाउन में तो सभी फ्री हैं। ऐसे में जो लोग व्यायाम कर रहे थे, वह कुछ समय बढ़ा सकते हैं

हावी न होने दें कोरोना का डर : एक तो कोरोना का डर, ऊपर से लॉकडाउन। इसके चलते लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। कोई व्यवसाय बंद होने से परेशान है तो कोई शेयर बाजार गिरने से डिप्रेशन में आ रहा है। कोरोना से संक्रमित होने का डर भी लोगों को सता रहा है। यह भी सही है कि लॉकडाउन के चलते कई लोग आर्थिक तंगी से घिर गए हैं। इन सब चिंताओं की वजह से लगातार बीपी बढ़ा रहता है तो इससे हृदय, आंख, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों पर असर पड़ सकता है। इसका एकमात्र इलाज है धैर्य। पूरी दुनिया इन चुनौतियों का सामना कर रही है। हम सभी को यह लड़ाई लड़नी है। अपना मनोबल टूटने न दें।

[सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग, AIIMS, भोपाल]


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.