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सबरीमाला विवाद: SC के फैसले का समर्थन करने वाले संत के आश्रम पर हमला

बदमाशों ने संत संदीपानंद आश्रम में दो कारों और एक बाइक को आग के हवाले कर दिया। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने हमले की निंदा की है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 12:55 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 12:59 PM (IST)
सबरीमाला विवाद: SC के फैसले का समर्थन करने वाले संत के आश्रम पर हमला
सबरीमाला विवाद: SC के फैसले का समर्थन करने वाले संत के आश्रम पर हमला

केरल, प्रेट्र। सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश का समर्थन करने वाले संत संदीपानंद गिरी के आश्रम पर आज सुबह अज्ञात बदमाशों ने हमला किया। बदमाश आश्रम में दो कारों और बाइक को आग के हवाले कर फरार हो गए। राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने हमले की निंदा की है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार की रात ढाई बजे के करीब तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके में मौजूद स्वामी संदीपानंद गिरी के आश्रम के सामने खड़े वाहनों को आग लगा दी। यह आश्रम तिरुवनंतपुरम के कुंडमानकादावु में स्थित है। डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कहा कि इस घटना की तिरुवनंतपुरम के पुलिस कमिश्नर के अंडर में बनी टीम जांच करेगी।

संदीपानंद गिरि ने आरोप लगाया कि इस हमले में भाजपा के राज्य अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई, थाजमोन माडोम, सबरीमाला मंदिर के पारंपरिक पुजारी और पांडलम रॉयल परिवार का हाथ है। हालांकि भाजपा जिला नेतृत्व ने हमले में किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन घटना के बाद शनिवार को आश्रम पहुंचे और उन्होंने इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि शारीरिक हमले तब होते हैं, जब आप वैचारिक रूप से सौदा नहीं कर सकते हैं। किसी को भी अपने हाथों में कानून व्यवस्था लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी, इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि स्वामी संदीपानंद धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का प्रचार करते थे और बताते थे कि राजनीति में धर्म का इस्तेमाल कैसे फायदे के लिए किया जा रहा है, इसलिए उनपर ये हमला हुआ है। जनता को ये समझना चाहिए।'

केरल मंत्री केके शैलजा ने कहा कि स्वामी संदीपानंद गिरी जी लोगों को अच्छी बातें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वह लोगों को धर्मनिरपेक्ष की रहा पर चलने की शिक्षा देते हैं। साथ ही समाज में महिलाओं और पुरषों के बीच भेदभाव खत्म करने का समर्थन करते हैं। समाज के कुछ लोगों को ये चीजें परेशान कर रही हैं। मुझे लगता है कि हमले के पीछे वे ही लोग हैं। वे स्वामी जी की हत्या करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि हमें संदेह है कि हिंदुत्व विचारधारा चरमपंथी हमले के पीछे हैं। स्वामी संदीपानंद गिरि ने महिलाओं के सबरीमाला में प्रवेश का समर्थन किया। यदि हम पुराने रीति-रिवाजों का अनुसरण करेंगे, तो हम मानव समाज के रूप में आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

SC ने दी हर उम्र की महिला को मंदिर में प्रवेश की इजाजत
गौरतलब है कि पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने और पूजा करने की इजाजत दी। पहले यहां 10 साल की बच्चियों से लेकर 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर महिलाओं पर लगी पाबंदी को चुनौती दी गई थी। केरल सरकार मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में थी। स्वामी संदीपानंद ने भी कोर्ट के फैसले का समर्थन किया था। सबरीमाला मंदिर का संचालन करने वाला त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड अब कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी में है।


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