चार धाम बोर्ड के खिलाफ स्वामी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, पढ़ें- क्या है मामला
चार धाम बोर्ड के खिलाफ स्वामी पहुंचे हैं सुप्रीम कोर्ट चार धाम देवस्थान बोर्ड गठन मामला। याचिका में बोर्ड गठित कर राज्य सरकार के चार धाम और 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेने को दी गई है चुनौती।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी चारधाम देवस्थान बोर्ड गठन मामले में उत्तराखंड हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर उत्तराखंड हाईकोर्ट के गत 21 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है। हाइकोर्ट ने चारधाम और अन्य 51 मंदिरों का प्रबंधन राज्य सरकार के ले लेने वाले कानून को चुनौती देने वाली स्वामी की याचिका खारिज कर दी थी।
चार धाम में बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री शामिल है। हाईकोर्ट ने देवास्थान एक्ट की वैधानिकता को सही ठहराते हुए अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार मंदिरों का स्वामित्व ले सकती है और बोर्ड को मंदिरों की संपत्तियों और प्रशासन प्रबंधन का अधिकार है। हाईकोर्ट में देवास्थान बोर्ड एक्ट को चुनौती देते हुए स्वामी ने दलील दी थी कि ये चार धाम अलग रिलीजियस डिनोमिनेश है और इसलिए उसका प्रबंधन सरकार अपने हाथ में नहीं ले सकती उन्हें स्वयं उसके प्रबंधन का अधिकार है। हाईकोर्ट ने यह दलील नहीं मानी थी।
स्वामी के अलावा दो और याचिकाओं में उत्तराखंड हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है। एक याचिका गैरसरकारी संगठन पिपुल फार धर्मा ने दाखिल की है और दूसरी इंडिक कलेक्टिव की ओर से दाखिल की गई है।
स्वामी ने अपने याचिका में कहा है कि राज्य सरकार के कानून से रिलीजियस डिनोमिनेशन को संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में मिले प्रबंधन के अधिकार का उल्लंघन होता है।