स्वच्छ भारत मिशन: खुले में शौच मुक्त होने के बाद अब ग्रामीण कचरा प्रबंधन पर होगा जोर
स्वच्छ मिशन के दूसरे चरण को लागू करने में वर्ष 2020-21 से 2024-25 की अवधि के दौरान 52497 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण को सरकार ने आज मंजूरी दे दी। मिशन का दूसरा चरण 2024-25 तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। पत्रकारों की इसकी जानकारी देने आए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इस दूसरे चरण में खुले में शौच मुक्त होने के बाद सार्वजनिक शौचालयों में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने पर ध्यान दिया जाएगा। इस दौरान जहां खुले में शौच मुक्त अभियान को जारी रखा जाएगा, वहीं कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
केंद्र और राज्य दोनों की होगी हिस्सेदारी
इस कार्यक्रम में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक भी व्यक्ति न छूटे और हर व्यक्ति शौचालय का इस्तेमाल करे। स्वच्छ मिशन के दूसरे चरण को लागू करने में वर्ष 2020-21 से 2024-25 की अवधि के दौरान 52,497 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है। इसमें केन्द्र और राज्य दोनों की हिस्सेदारी होगी। इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग ने ग्रामीण स्थानीय निकायों की ओर से ग्रामीण जलापूर्ति और स्वच्छता के क्ति्रयान्वयन के लिए 30,375 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। ओडीएफ प्लस कार्यक्त्रम मनेरगा के साथ सम्मिलित होगा।
बढ़ा दी गई वित्तीय सहायता
इस कार्यक्त्रम के अंतर्गत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय (IHHL) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा मानदंडों के अनुसार नये पात्र घरों को 12,000 रुपये की राशि प्रदान करने का प्रावधान जारी रहेगा। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) के लिए वित्त पोषण मानदंडों को युक्तिसंगत बनाया गया है और घरों की संख्या को प्रति व्यक्ति आय से बदल दिया गया है। इसके अलावा, ग्राम पंचायतों को ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर के निर्माण (सीएमएससी) के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाकर 2 लाख से 3 लाख रुपये कर दिया गया है।
10 करोड़ से ज्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण
देश में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 2 अक्टूबर 2014 को एसबीएम (जी) की शुरुआत के समय 38.7 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इस मिशन के शुरू होने से 10 करोड़ से ज्यादा व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया, परिमाणस्वरूप सभी राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों ने स्वयं को 2 अक्टूबर 2019 को ओडीएफ घोषित किया। हालांकि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने सभी राज्यों को यह सलाह दी है कि वे इस बात की पुन: पुष्टि कर लें कि ऐसा कोई ग्रामीण घर न हो, जो शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहा हो और यह सुनिश्चित करने के दौरान अगर ऐसे किसी घर की पहचान होती है तो उसको व्यक्तिगत घरेलू शौचालय के निर्माण के लिए जरूरी सहायता प्रदान की जाये ताकि इस कार्यक्त्रम के अंतर्गत कोई भी पीछे न छूटे।