सू की छह दिन के दौरे पर भारत पहुंची
नई दिल्ली। भारत में कई वर्ष रहकर पढ़ाई कर चुकी म्यांमार की विपक्षी नेता आंग सान सू की लगभग 40 साल बाद मंगलवार को छह दिन के दौरे पर भारत पहुंची। लोकतंत्र समर्थक नेता सू की की दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर विदेश सचिव रंजन मैथेई ने आगवानी की।
नई दिल्ली। भारत में कई वर्ष रहकर पढ़ाई कर चुकी म्यांमार की विपक्षी नेता आंग सान सू की लगभग 40 साल बाद मंगलवार को छह दिन के दौरे पर भारत पहुंची। लोकतंत्र समर्थक नेता सू की की दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर विदेश सचिव रंजन मैथेई ने आगवानी की।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आमंत्रण पर भारत पहुंची सू की 18 नवंबर तक भारत में रहेंगी। इस दौरान वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी। सू की बुधवार को दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती के मौके पर जवाहर मेमोरियल लेक्चर देंगी।
इसी साल मई में म्यांमार के दौरे पर गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता सू की को जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल लेक्चर देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से औपचारिक न्यौता दिया था।
सू की को 1993 में जवाहर लाल नेहरू अवॉर्ड फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग से सम्मानित किया गया था। उस समय वह म्यांमार की सैनिक सरकार द्वारा अपने घर में नजरबंद रखी गई थीं। अपनी यात्रा के दौरान सू की कई नेताओं से भी मुलाकात करेंगी और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से मिलने संसद भवन जाएंगी।
सू की शुक्रवार को दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में उन्हें सम्मानित किया जाएगा जहां से उन्होंने राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की थी। वहां वह कॉलेज के छात्रों और अन्य शिक्षकों से मुलाकात करेंगी।
सू की की बेंगलूर के इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस तथा इन्फोसिस कैंपस भी जाने की योजना है। महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास का जायजा लेने के लिए उनका आंध्र प्रदेश के दो गांवों में जाने का भी कार्यक्रम है।
सू की 60 के दशक की शुरुआत में भारत में अपनी मां खिन की के साथ रहती थीं जो उस समय भारत में म्यांमार की राजदूत थीं। उस दौरान वह अकबर रोड के उसी घर में रहती थी जहां आज कांग्रेस का कार्यालय है।
म्यांमार की सैनिक सरकार से दो दशक से ज्यादा समय से लोहा लेनेवाली सू की ने दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉन्वेंट में स्कूली शिक्षा ली थी और उसके बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए लेडी श्रीराम कॉलेज में दाखिला लिया था। उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी चली गई थीं। इस बीच शिमला के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज में भी उन्होंने दो साल तक अध्ययन किया था।
सू की 18 नवंबर को अपनी यात्रा पूरी करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से मिलने म्यांमार चली जाएंगी। दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद ओबामा का यह पहला विदेश दौरा है।
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