खुदाई में निकला 25 साल पुराना गोला-बारूद और विस्फोटक, लिट्टे के आतंकियों से जुड़ा कनेक्शन
तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में भारी मात्रा में गोला बारूद और विस्फोटक बरामद हुआ है। कहा जा रहा है कि ये विस्फोटक सामान लिट्टे के आतंकियों ने छिपाया होगा।
मदुरई [ एजेंसी ]। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में भारी मात्रा में गोला बारूद और विस्फोटक बरामद हुआ है। जमीन के अंदर गड़ा ये गोला-बारूद और विस्फोटक खुदाई के दौरान एक व्यक्ति को दिखाई दिया, जिसकी सूचना उसने तुरंत पुलिस को दी। इन्हें रामेश्वरम द्वीप पर समुद्र के किनारे छुपाया गया था। आशंका जताई जा रही है कि ये विस्फोटक व गोला-बारूद 25 साल से ज्यादा पुराने हो सकते हैं।
पहले भी इस क्षेत्र में मिल चुका है विस्फोटक सामान
वरिष्ठ अधिकारियों ने संभावना जताई है कि ये गोला-बारूद 25 साल से अधिक पुराना हो सकता है। हालांकि, ये कहां से आए और कैसे बनाए गए इसकी जानकारी अब तक नहीं लग पाई है। बता दें कि 1990 में भी इस क्षेत्र में भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया था। पुलिस ने बताया कि उन्होंने अब तक 5,000 से अधिक गोलियों की गिनती की हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कैसे मिली जानकारी
इस गोला-बारूद और विस्फोटक का पता तब लगा जब रामनाथपुरम जिले के एंथोनियर पुराम गांव में एक मछुआरा अपने अपने घर के पीछे सेप्टिक टैंक बनाने के लिए खुदाई करा रहा था। खुदाई के दौरान उसे एक लोहे का बक्सा मिला। बक्सा खोलने पर उसमें बड़ी मात्रा में गोला-बारूद, गोलिया व विस्फोटक दिखा। जिसके बाद उसने खुदाई बंद कर दी और तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
मामले की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और तत्काल विस्फोटक से भरे बक्से को अपने कब्जे में ले लिया। कुछ ही देर में जिले के एसपी ओमप्रकाश मीना ने और हथियारों का पता लगाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। बता दें कि मछुआरे का घर समुद्र से लगभग 50 मीटर की दूरी पर है।
खुदाई में मिले करीब 20 बक्से
इस ऑपरेशन के तहत जब मछुआरे के घर के आसपास के इलामें में खुदाई शुरू की गई, तो यहां से 20 और बक्से बरामद हुए। इन बक्सों में विभिन्न तरह के गोला बारूद व हथियार थे। पुलिस टीम को इन बक्सों में बड़े पैमाने पर डेटोनेटर व विस्फोटक भी मिले। पुलिस के मुताबिक बरामद हथियारों में लाइट मशीन गन की गोलियां, मध्यम दर्जे की मशीन गन, ऑटोमैटिक राइफल सहित कई हथियार बरामद हुए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात नौ बजे तक खुदाई हुई। इस दौरान कुल 20 बक्से मिले, हर बक्से में लगभग 250 राउंड गोलियां थीं। लगभग दो दशक से जमीन में दबे होने के चलते गोलियां व हथियार खराब हालत में थे।
80 के दशक में यह इलाका था लिट्टे का गढ़
1980 के दशक में लिट्टे आतंकी हथियारों की तस्करी के लिए समुद्र के रास्ते का इस्तेमाल करते थे। उस दौरान रामनाथपुरम का यह इलाका लिट्टे का गढ़ था, माना जा रहा है कि उसी दौरान लिट्टे आतंकियों ने यहां हथियार छुपाए होंगे। सूत्रों का भी कहना है कि ये गोला-बारूद जून, 1990 में इपीआरएलएफ नेता कंदसामी पाठमानभा की हत्या के बाद देश से भागने वाले इपीआरएलएफ व इएनडीएलएफ जैसे तमिल आतंकवादी समूहों ने छिपाया होगा। 21 मई, 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के पहले कंदसामी की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर लिट्टे के आतंकी भागने की फिराक में थे।