दिन के अनुसार बदलता था सुषमा की साड़ियों का रंग, बॉर्डर से मेल खाती थी जैकेट
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की प्रेजेंटेबल शख्सियत में उनकी साड़ियों व जैकेट की अहम भूमिका थी। दिनों के अनुसार साड़ियों के रंग बदलते थे और बॉर्डर के रंग से मैच खाती होती थी
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। माथे पर गोल बड़ी सी कत्थई रंग की बिंदिया, मांगों में भरा लाल सिंदूर, गले में मंगलसूत्र और नाक में लौंग (नोजपिन) के साथ दमकने वाला सुषमा स्वराज का चेहरा शायद ही कोई भूल सके। हमेशा कॉटन व सिल्क की साड़ियों में दिखने वाली सुषमा स्वराज स्लीवलेस जैकेट भी पहना करती थीं जो उनका सिग्नेचर स्टाइल बन गया।
सुषमा के लिए सोमवार को सफेद, क्रीम, मंगलवार को लाल, मैरुन, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को बैंगनी, शनिवार को नीला और रविवार को किसी भी रंग की आजादी थी। दिनों के अनुसार रंगों का चयन कर साड़ी को खूबसूरती से पहनने वाली सुषमा स्वराज के बाल कभी अस्त-व्यस्त नहीं रहे। हमेशा अपने बालों को समेटकर वे पीछे की ओर जूड़ा बांधे रहती थीं। विदेश मंत्री के तौर पर दुनिया के हर कोने में वे उन्होंने अपने इसी स्टाइल को निहायत ही खूबसूरती से पेश किया।
बता दें कि तीज-त्योहारों पर वे पूरी तरह भारतीय परंपरा के अनुसार सजती संवरती थीं। विशेषकर करवा चौथ के अवसर पर उन्हें गहनों और जेवरातों में देखा जा सकता था।
उनके पास शॉल का भी अच्छा कलेक्शन मौजूद था। उन्हें कॉटन व सिल्क साड़ियां खूब पसंद थीं। सिल्क की साड़ियों में भागलपुरी सिल्क भी वे पसंद से पहनती थीं। हर रंग की साड़ियों के साथ उनके पास जैकेट का भी अच्छा कलेक्शन था। काफी कम मौकों पर वे बिना जैकेट साड़ी पहने नजर आती थीं।
एक ट्वीटर यूजर राजेश शर्मा ने फैंसी ड्रेस के लिए तैयार अपनी बेटी की फोटो सुषमा स्वराज को टैग कर पोस्ट किया। इस तस्वीर में बच्ची ने साड़ी, जैकेट व भाजपा का स्टोल डाल रखा था। इसके अलावा माथे पर लाल रंग की गोल बिंदी भी लगाई। इसे देख तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दी और खुशी का इजहार कर लिखा कि उन्हें बच्ची का जैकेट बहुत पसंद आया है।
इरान में सुषमा स्वराज पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने देश के सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था। दरअसल, वहां सुषमा स्वराज ने गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थ्ाी और अपने सिर को शॉल से ढक लिया था। जिसे स्वरूपानंद सरस्वती ने इरान का ड्रेस समझ लिया और कहा था कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इरान में भारतीय संस्कृति के अनुरूप परिधान न पहनकर विदेश में देश के सम्मान को ठेस पहुंचाया है। उन्होंने इंदिरा गांधी को उदाहरण के तौर पर पेश किया और कहा कि अपने विदेश दौरों के समय वह हमेशा उचित परिधान पहनती थीं।
मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली के एम्स हॉस्पीटल में उनका निधन हो गया। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री और विदेश मंत्री के पद पर आसीन रहीं सुषमा स्वराज ने अपने कार्य को बखूबी समझा और उसे बेहतर तरीके से निभाया।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप