मोसुल मामले पर विदेश मंत्री का बयान, ' न जिंदा होने का सबूत है न मृत होने का'
मोसुल में लापता भारतीय नागरिकों के मृत होने की बात को सिरे से नकारते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि सबूत के बिना मृत नहीं घोषित करुंगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राज्यसभा के मानसून सत्र में मोसुल में लापता 39 भारतीयों के मामले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वही बात दोहराई जो उन्होंने एक दिन पहले लोकसभा में कही थी। विदेश मंत्री ने कहा,’बिना ठोस सबूत के मैं किसी को मृत नहीं घोषित करुंगी।‘
उन्होंने कहा, जिस दिन मुझे हरजीत की बात की पुष्टि करने वाला एक भी शख्स मिल जाएगा, मैं उन लापता नागरिकों की तलाश बंद कर दूंगी। बता दें कि लोकसभा में उन्होंने इस मामले को गंभीर बताया था। पंजाब के इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने विदेश मंत्री के बयान पर असंतुष्टि जतायी और सवाल किया कि हरजीत सिंह ने लापता भारतीय नागरिकों मृत क्यों बताया। जिसपर विदेश मंत्री ने पूरे मामले का उल्लेख कर बताया कि बाजवा जी मंत्री को झूठा और हरजीत को सच्चा साबित करना चाहते हैं। उन्होंने आगे बताया कि हरजीत द्वारा मृत बताए जाने के बाद लापता नागरिक के मां और भाई ने बताया कि हमारी बात हुई है और उन्होंने बताया कि वे मोसुल में आइएस के कब्जे में है पर जीवित हैं।
EAM Sushma Swaraj's statement on missing Indians in Iraq: https://t.co/QgDifzpvfp via @YouTube— Rajya Sabha TV (@rajyasabhatv) July 27, 2017
विदेश मंत्री ने कहा, 24 नवंबर 2014 को दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा हुई थी। आनंद शर्मा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरे पास न तो उनके जिंदा होने के सबूत हैं और न मरने के। अभी मैं बस सदन से इस बात की अनुमति मांगूंगी की मुझे तलाश जारी रखने की मंजूरी मिले। लोकसभा में विदेश मंत्री ने कहा था कि बिना सबूत किसी को मृत बताना पाप है।
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