ब्रिटिश दंपती की सरोगेट बच्ची के लिए आगे आईं सुषमा
इस बच्ची का जन्म मई में सरोगेसी (किराये की कोख) के जरिये भारत में हुआ। लेकिन दंपती को बच्ची का पासपोर्ट हासिल नहीं सका है। ऐसे में बच्ची को अनाथालय में छोड़ने की नौबत आ गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ब्रिटिश दंपती की बच्ची का मामला ब्रिटिश उच्चायोग के समक्ष उठाया है। इस बच्ची का जन्म मई में सरोगेसी (किराये की कोख) के जरिये भारत में हुआ। लेकिन दंपती को बच्ची का पासपोर्ट हासिल नहीं सका है। ऐसे में बच्ची को अनाथालय में छोड़ने की नौबत आ गई है।
स्वराज ने रविवार को ट्वीट किया, 'बेबी लिली। हमने इस मामले को ब्रिटिश उच्चायोग के साथ उठाया है। उम्मीद है, जल्द ही इसका हल हो जाएगा।' ब्रिटिश दंपती मेडिकल वीजा पर भारत आया है। सात सितंबर को वीजा की अवधि खत्म हो गई लेकिन फिर उसे सात अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया।
दंपती ने बच्ची के ब्रिटिश पासपोर्ट के लिए तीन जून को आवेदन किया। लेकिन यह अब तक नहीं बन पाया है। दंपती ने कहा कि तय अवधि में पासपोर्ट नहीं बना तो हमें बच्ची के बिना ही जाना पड़ेगा। स्वराज ने हाल ही में इस मामले को लेकर सरोगेसी के व्यापार पर रोक लगाने के सरकार के फैसले के विरोधियों को आड़े हाथ लिया था और ब्रिटिश अधिकारियों पर भी सवाल उठाए थे।
उड़ी: आत्मघाती हमले में 17 जवान शहीद, गृहमंत्री बोले-पाकिस्तान है आतंकी देश