जड़ी बूटियों की रानी कहा जाने वाला यह पौधा है गुणों की खान, जानें इसके 7 बड़े फायदे
हिंदू शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय पवित्र और देवी स्वरूपा माना गया है। यह आध्यात्मिक तथा औषधीय युक्त पौधा है। वातावरण को सकारात्मक बनाने में इस पौधे की सकारात्मक भूमिका होती है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अतुलनीय पौधा तुलसी सबसे पवित्र जड़ी-बूटी मानी जाती है। अनेक लाभकारी गुणों की वजह से ही इसे जड़ी बूटियों की रानी भी कहा जाता है। यह एक ऐसा पौधा है जिसके जड़, तना, पत्ते, बीज तथा मंजरी सभी का आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर प्रयोग होता है। इतना ही नहीं इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। हिंदू शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी स्वरूपा माना गया है। यह आध्यात्मिक तथा औषधीय युक्त पौधा है। वातावरण को सकारात्मक बनाने में इस पौधे की सकारात्मक भूमिका होती है।
शास्त्रों के अनुसार देश में तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधे पाए जाते हैं। इनमें कृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी,श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी व नींबू तुलसी मुख्य हैं। घरों में जो तुलसी का पौधा लगाया जाता है वह दो प्रकार का होता है, पहला जिसकी पत्तियां गहरी हरी होती हैं, दूसरी जिसकी पत्तियां सामान्य हरी होती हैं। तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को भी अत्यंत प्रिय है, इसीलिए इसे हरिप्रिया भी कहा जाता है।
तुलसी के बीज के असंख्य स्वस्थ्य लाभ हैं। आमतौर पर इसे मिठाई और पेय पदार्थों में उपयोग किया जाता है। इसे आयुर्वेदिक और चीनी उपचार पद्धति में भी इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी के बीज का इस्तेमाल कई वर्षों से घरेलू उपचार के रूप में भी किया जाता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और लौह की उच्च मात्रा होती है। आमतौर पर तुलसी के बीज पाचन, वजन घटाने, खांसी और ठंड का इलाज, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के अलावा और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। आज हम आपको तुलसी के बीज के फायदों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
ह्रदय से जुड़ी बीमारियों को दूर करता है
तुलसी के बीज कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेनटेन करता है। आयुर्वेद में इसे हाइपरटेंशन के उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है। हाइ कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर दो ऐसी समस्या है जो ह्रदय के लिए घातक हैं। इन दोनों समस्याओं में तुलसी के बीच बेहतर माने जाते हैं। इससे ह्रदय की हर समस्या दूर की जा सकती है।
शरीर की सूजन को कम करता है
तुलसी के बीज में एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो शरीर की सूजन को कम करते हैं। यह शरीर में सूजन पथों पर उनके अवरोधक प्रभाव के कारण दस्त से निपटने में भी मदद कर सकता है। यह दस्त में भी फायदेमंद होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
तुलसी के बीज में मौजूद फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारता है। तुलसी के बीज एंटी-ऑक्सीडेंट्स से समृद्ध होते हैं जो शरीर में मुक्त कणों के कारण होने वाली क्षति से सुरक्षा प्रदान करते हैं। फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कणों के डैमेज की वजह से उम्र से पहले बुढ़ापे आने लगता है।
पेट की समस्या को दूर करे
तुलसी के बीज पानी में डालने पर फूल जाता है और ऊपर एक जिलेटिन की परत बना लेता है। इसे पानी में डालकर पीने से पेट सही रहता है। इसमें मौजूद फाइबर आंतों की अच्छी तरह से सफाई करता है। यह कब्ज, एसिडिटी और अपच की समस्या को दूर करता है।
वजन घटाए
तुलसी के बीज में कैलोरी कम मात्रा में होती है और यह भूख को कम करता है। इस प्रकार यह वजन घटाने में मदद कर सकता है। तुलसी के बीज में उच्च फाइबर सामग्री आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती। वजन कम करने के लिए आप इन्हें आहार में शामिल कर सकते हैं।
सर्दी जुकाम में है फायदेमंद
सर्दी, जुकाम, अस्थमा जैसी समस्याओं के उपचार के लिए तुलसी के बीच का प्रयोग किया जाता है। इसमें एंटीस्पाज्मोडिक प्रभाव होता है जो सामान्य ठंड और खांसी जैसी स्थिति में सुधार लाने में मदद करता है। आप बुखार को कम करने के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं।
तनाव दूर करे
तुलसी के बीज दिमाग पर काफी अच्छा प्रभाव डालते हैं। यह तनाव और चिंता जैसी समस्या में छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। तुलसी के बीज के सेवन से मानसिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।