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‘ये मोदी है जो सामने वाले को उसी की भाषा में जवाब देना जानता है’

लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक यानि ईंट का जवाब पत्थर से देना है और कि ये मोदी ही है जो उसी भाषा में जवाब देना जानता है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 07:27 PM (IST)
‘ये मोदी है जो सामने वाले को उसी की भाषा में जवाब देना जानता है’
‘ये मोदी है जो सामने वाले को उसी की भाषा में जवाब देना जानता है’

नई दिल्ली [जेएनएन]। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर पर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक की वीडियो सामने आने के बाद हर भारतीय के हौसले बुलंद है। सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले विपक्षी अब मोदी सरकार पर सेना के राजनीतिकरण का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा का कहना है कि ऐसा करके विपक्षी दल सेना का मनोबल कमजोर कर रहे हैं और आतंकियों का साथ दे रहे हैं।

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हालांकि, साल 2014 में ही जब नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे तो साफ कहा था कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए। इसके बाद सितंबर, 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक हुई। जिसमें दुश्मन देश को भारी नुकसान पहुंचा। सेना के वीर जवानों ने घुसकर आतंकियों के कैंप उड़ाए। अब सेना की इस कार्रवाई का करीब दो साल बाद वीडियो सामने आया है। 

वहीं, इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर दोहराया था कि सर्जिकल स्ट्राइक यानि ईंट का जवाब पत्थर से देना है। पीएम मोदी लंदन के वेस्‍टमिनिस्‍टर में आयोजित 'भारत की बात' कार्यक्रम में जहां अपने मन की कई बातों को उजागर कर रहे थे, वहीं श्रोताओं के सवालों के भी जवाब दे रहे थे। इस मौके पर गीतकार प्रसून जोशी ने पीएम मोदी से कई सवाल किए। इस दौरान पीएम मोदी ने पिछली सरकारों का भी जिक्र किया तो वहीं सर्जिकल स्‍ट्राइक के बारे में भी खुलकर बात की।


पाक को उसी की भाषा में जवाब
इस कार्यक्रम के दौरान सर्जिकल स्‍ट्राइक और पाकिस्‍तान से उपजे आतंकवाद से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि जब कोई टेरे‍रिज्‍म एक्सपोर्ट करने का उद्योग बना करके बैठा हो, मेरे देश के निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया जाता हो, युद्ध लड़ने की ताकत नहीं है, पीठ पर प्रयास करने के वार होते हों; तो ये मोदी है, उसी भाषा में जवाब देना जानता है। हमारे जवानों को, टैंट में सोए हुए थे रात में, कुछ बुजदिल आकर उनको मौत के घाट उतार दें? आप में से कोई चाहेगा मैं चुप रहूं? क्‍या उनको ईंट का जवाब पत्‍थर से देना चाहिए कि नहीं देना चाहिए? और इसलिए सर्जिकल स्‍ट्राइक किया और मुझे मेरी सेना पर गर्व है, मेरे जवानों पर गर्व है। जो योजना बनी थी, उसको शत-प्रतिशत ..कोई गलती किए बिना उसे पूरा किया और सूर्योदय होने से पहले सब वापिस लौट कर आ गए। और हमारी नेकदिली देखिए- मैंने हमारे अफसर जो इसको ऑपरेट कर रहे थे, उन्‍हें कहा, कि आप हिन्‍दुस्‍तान को पता चले उससे पहले, मीडिया वहां पहुंचे उससे पहले, पाकिस्‍तान की फौज को फोन करके बता दो कि आज रात हमने ये किया है, ये लाशें वहां पड़ी होंगी, तुम्‍हें समय हो तो जा करके ले आओ।

देश पर मर मिटने वालों की कमी नहीं
भारत की बात कार्यक्रम में मौजूद एक युवती के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महात्‍मा गांधी ने जन-सामान्‍य को जोड़ा। सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति को कहते थे अच्‍छा भाई तुम्‍हें देश की आजादी चाहिए ना? ऐसा करो- तुम झाडू़ ले करके सफाई करो, देश को आजादी मिलेगी। तुम्‍हें आजादी चाहिए ना? तुम टीचर हो, अच्‍छी तरह बच्‍चों को पढ़ाओ, देश को आजादी मिलेगी। तुम प्रौढ़ शिक्षा कर सकते हो, करो। तुम खादी का काम कर सकते हो, करो। तुम नौजवानों को मिला करके प्रभात फेरी निकाल सकते हो, निकालो। उन्‍होंने जन-सामान्‍य को उसकी क्षमता के अनुसार काम दे दिया। तुम रेटियां ले करके बैठ जाओ, सूत कातो, देश को आजादी मिल जाएगी। और लोगों को भरोसा हो गया, हां यार, आजादी इससे भी आ सकती है। मैं समझता हूं कि मरने वालों की कमी नहीं थी, देश के लिए मर-मिटने वालों की नहीं थी, लेकिन वो आते थे शहीद हो जाते थे, फिर कोई नया खड़ा होता था, शहीद हो जाता था।

ये कहानी फिल्‍मी नहीं
इस कहानी को सुनकर शायद आपको कुछ याद आ रहा हो। या मुमकिन है कि यह कहानी आपको फिल्‍मी लग रही हो। लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, ये कहानी फिल्‍मी नहीं बल्कि हकीकत है और ये हकीकत है भारतीय जवानों द्वारा पाकिस्‍तान में की गई सर्जिकल स्‍ट्राइक की। भारत के सैन्‍य इतिहास में ऐसा गिनीचुनी बार हुआ है जब भारतीय सेना के जवानों ने सीमापार जाकर अपने दुश्‍मनों का खात्‍मा किया।

उरी में सेना के कैंप पर हुए हमले के बाद जो नजारा बदला और भारतीय सेना ने इसका जिस तर्ज पर बदला लिया वह वास्‍तव में काबिले तारीफ था। पाकिस्‍तान और वहां बैठे आ‍तंकियों ने ऐसा कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि भारतीय जवानों का एक छोटा सा दस्‍ता उनके लिए मौत बन सकता है। आपको याद दिला दें कि उरी हमले के वक्‍त सेना प्रमुख ने साफ कहा था कि जवानों की मौत का बदला जरूर लिया जाएगा, लेकिन इसके लिए समय और जगह भारत ही तय करेगा। सर्जिकल स्‍ट्राइक में यह सभी कुछ दिखाई दिया।

आतंकियों के शिविर ध्वस्त
इस सफल ऑपरेशन में जवानों ने आतंकियों के 7 शिविरों को ध्वस्त कर दिया था। साथ ही 38 आतंकियों को भी मार गिराया था। ऑपरेशन के बाद मीडिया के सामने आए डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने प्रेस कॉंफ्रेस में इसकी जानकारी दी थी।

उन्होंने कहा है कि सीमा पार मौजूद ये सभी आतंकी भारत पर बड़े हमले का प्लान बना चुके थे। भारत ने पहले आतंकियों के ठिकानों की जानकारी इकट्ठा की और फिर इसको अंजाम दिया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों का डीएनए पाकिस्तान को भी सौंपा जाएगा। इस संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप भी मौजूद थे।

ऑपरेशन में शामिल जवानों को दिए गए पदक
आपको यहां पर ये भी बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल सेना के स्पेशल फोर्सेस यूनिट के 4 पैरा और 9 पैरा के कमांडिंग अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक नवाजा गया था। इसके अलावा इस यूनिट में शामिल जवानों को कीर्ति चक्र, युद्ध सेवा मेडल भी दिया गया था।

यह ऑपरेशन साढ़े 12 बजे रात में शुरु हुआ और सुबह साढे चार बजे तक चला था। इस दौरान अभियान में शामिल जवान नियंत्रण रेखा के उस पार करीब दो किलोमीटर तक रेंगेते हुए आतंकी ठिकानों तक पहुंचे थे और ये पूरा ऑपरेशन 2-3 किलोमीटर के इलाके में चलाया गया था। पिछले दिनों इसी सर्जिकल स्ट्रा्इक पर बनाई गई एक डॉक्युमेंट्री को हिस्ट्री चैनल ने टीवी पर प्रसारित किया था। चैनल ने इसका नाम स्पेशल ऑपरेशन इंडिया: सर्जिकल स्ट्राइक दिया था।
 


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