जेलों की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, जेल सुधारों के लिए कमेटी बनाने का आदेश
एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों में कहा गया है कि देश की विभिन्न जेलों में महिला कैदियों के साथ उनके 1,817 बच्चे भी रह रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों की खराब हालात पर चिंजा जताई है। कोर्ट ने जेलों में महिला कैदियों और उनके बच्चों की स्थिति जांचने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की एक सदस्यीय पीठ बनाने का आदेश दिया, जिसे समय-समय पर जेल सुधारों को लेकर अपने सुझाव देने होंगे। इस कमेटी में एक सरकारी अधिकारी शामिल होगा, जो कि कमेटी का सहायक होगा।
सुप्रीम कोर्ट को पिछली सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी की ओर से बताया गया था कि उसने फरीदाबाद की एक जेल का दौरा किया और उसे पता चला कि महिला कैदियों के छह साल से कम उम्र के बच्चे हैं, उन्हें जेल छोड़ने की इजाजत नहीं है। मामले में कोर्ट ने टिप्पणी की कि यह स्थिति उनके अच्छे स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है।
एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों में कहा गया है कि देश की विभिन्न जेलों में महिला कैदियों के साथ उनके 1,817 बच्चे भी रह रहे हैं। बतादें कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में जेल में महिला कैदियों के साथ रहने वाले बच्चों की सुरक्षा व जीवनस्तर के बारे में कई दिशानिर्देश दिए थे।