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कुणाल कामरा और रचिता तनेजा के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कार्ट आज करेगा फैसला

हास्य कलाकार कुणाल कामरा तथा कॉमिक आर्टिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की याचिका पर शीर्ष कोर्ट शुक्रवार को फैसला करेगा। याचिकाकर्ता का दावा है कि कामरा ने न्यायपालिका के लिए अपमानजनक ट्वीट किए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 05:57 PM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 01:25 AM (IST)
कुणाल कामरा और रचिता तनेजा के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कार्ट आज करेगा फैसला
कुणाल कामरा और रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की याचिका पर शीर्ष कोर्ट शुक्रवार को फैसला करेगा।

नई दिल्ली, पीटीआइ। हास्य कलाकार कुणाल कामरा तथा कॉमिक आर्टिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की याचिका पर शीर्ष कोर्ट शुक्रवार को फैसला करेगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष गुरुवार को याचिकाएं सुनवाई के लिए आईं जिसमें एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता निशांत आर कटनेश्वर्कर ने दावा किया कि कामरा ने न्यायपालिका के लिए अपमानजनक ट्वीट किए हैं।

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कटनेश्वर्कर ने कहा कि ये सभी ट्वीट अपमानजनक हैं और हमने इस मामले में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी थी जो मिल गई है। उधर, आपत्तिजनक ट्वीट के कारण रचिता तनेजा के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए दायर याचिका पर भी अटॉर्नी जनरल ने अपनी मंजूरी दे दी है।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिम्हा ने कहा कि अटॉर्नी जनरल की राय है कि न्यायपालिका के प्रति लोगों के भरोसे को खत्म करने के मकसद से इस तरह के ट्वीट किए गए। वेणुगोपाल ने कहा, तनेजा के कार्टून के साथ जुड़े प्रत्येक ट्वीट शीर्ष कोर्ट की अवमानना करने वाले थे। बता दें कि किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अदालत को अवमानना अधिनियम-1971 की धारा-15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की सहमति लेनी होती है। 

मालूम हो कि किसी के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अवमानना  अधिनियम-1971 की धारा-15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की मंजूरी लेनी जरूरी है। कामरा के खिलाफ दायर याचिकाओं में से एक श्रीरंग कटनेश्वर्कर ने दाखिल की है। पीटीआइ के मुताबिक, कामरा ने 11 नवंबर को ये ट्वीट तब किए जब साल 2018 में आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अर्नब गोस्वामी ने अग्रिम जमानत याचिका बंबई हाईकोर्ट की ओर से खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 


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