सुप्रीम कोर्ट का इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकरप्सी कोड को लेकर बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकरप्सी कोड (आइबीसी) को संपूर्ण बनाए रखने का फैसला सुनाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट ने इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकरप्सी कोड (आइबीसी) को संपूर्ण बनाए रखने का फैसला सुनाया है। यह एक क्रांतिकारी कानून है। आइबीसी कानून में बाजार आधारित और समय सीमा के तहत इन्सॉल्वेंसी समाधान प्रक्रिया का प्रावधान है। हालांकि समय सीमा का पालन नहीं हो पाना और मामलों को स्वीकार करने में होने वाली अत्यधिक देरी इससे जुड़ी कुछ बड़ी समस्याएं हैं।
कंपनी मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने आइबीसी के कार्यान्वयन को मिलीजुली सफलता बताया था। श्रीनिवास ने कहा कि यह कानून निश्चित रूप से क्रांतिकारी साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस कानून के कारण प्रक्रिया के तहत मामले को स्वीकार किए जाने से पहले ही निपटारा होने लगे हैं और कई मामलों में फंसे कर्ज पर भुगतान शुरू हो गया है।
इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के सेक्शन 29 के मुताबिक, बाहरी व्यक्ति ही कंपनी खरीद सकता है। दूसरी ओर 500 से 1000 करोड़ रुपये तक के मामलों में थर्ड पार्टी ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं। ऐसे में ये मामले लंबे समय के लिए अटक जाते हैं। इसलिए इन मामलों में बैंक अपनी तरफ से ये प्रयास कर रहे हैं।